Jan 16, 2025

सफल सैटेलाइट डॉकिंग से भारत ने रचा इतिहास, जानें क्या है यह टेक्नोलॉजी

Vishal Mathel

स्पैडेक्स मिशन ने सफलापूर्वक डॉकिंग की है और ऐसा करने वाला भारत चौथा देश बन गया है।

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स्पैडेक्स ने की इस अविश्वसनीय उपलब्धि पर पीएम मोदी ने इसरो को बधाई दी है।

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लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह डॉकिंग या सैटेलाइट डॉकिंग आखिर होता क्या है।

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क्या है सैटेलाइट डॉकिंग

अंतरिक्ष में तेजी से ट्रैवल कर रहे दो स्पेसक्राफ्ट को मिलाने की इस प्रोसेस को डॉकिंग कहा जाता है।

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कॉम्प्लैक्स प्रोसेस

सैटेलाइट डॉकिंग एक कॉम्प्लैक्स प्रोसेस है जो दो या उससे अधिक अंतरिक्षयानों को एक दूसरे से कनेक्ट करने के लिए किया जाता है जब वे ऑर्बिट में होते हैं।

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ऐसे होती है पूरी प्रोसेस

ये प्रक्रिया आमतौर पर तब होती है जब एक अंतरिक्ष यान (जैसा एक सैटेलाइट या अंतरिक्ष स्टेशन) और दूसरा अंतरिक्ष यान एक विशिष्ट कक्षा में मिलता है और उन्हें सुरक्षित रूप से जोड़ना होता है।

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क्यों खास है टेक्नोलॉजी

सैटेलाइट डॉकिंग को स्पैस एक्सप्लोरेशन और ऑर्बिटल ऑपरेशन्स के लिए एक महत्वपूर्ण टेक्नोलॉजी माना जाता है।

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स्पेस स्टेशन

अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) जैसे अंतरिक्ष स्टेशनों के साथ अंतरिक्ष यान (जैसे क्रू ड्रैगन या सोयुज) डॉक करते हैं ताकि अंतरिक्ष यात्रियों और आपूर्ति भेजी जा सके।

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