Dec 27, 2024
मिर्ज़ा गालिब का जन्म 27 दिसंबर 1797 को हुआ था। उनके जन्मदिन के अवसर पर उन्हें करीब से महसूस करने का आपके पास मौका है।
Credit: instagram
गालिब को करीब से महसूस करने के लिए आपको दिल्ली में बसी उनकी प्राचीन हवेली जरूर जाना चाहिए।
Credit: instagram
गालिब की हवेली वो जगह है जहां उन्होंने अपनी जिंदगी की आखिरी रात काटी थी।
Credit: instagram
दिल्ली के चांदनी चौक से सटा इलाका बल्लीमारान जहां कासिम जान नाम की एक गली है वहीं गालिब की हवेली है।
Credit: instagram
हवेली के अंदर आपको उनकी जिंदगी से जुड़ी तमाम चीजों को देखने का मौका मिलेगा।
Credit: instagram
हवेली की दीवारों पर प्रेम से भरी शायरियां भी आपको देखने को मिल जाएंगी। यहां जाने के लिए कोई टिकट नहीं है।
Credit: instagram
सोमवार और सरकारी छुट्टी वाले दिन ये बंद रहती है। सामान्य दिनों में गालिब की हवेली में आप सुबह 11 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक जा सकते हैं।
Credit: instagram
बल्लीमारान की हवेली में 27 दिसंबर यानी उनके जन्मदिन के अवसर पर मुशायरे का आयोजन किया जाता है।
Credit: instagram
गालिब की शायरी सुनने और पढ़ने वालों की तादाद काफी ज्यादा है। गालिब की शायरी नशे की तरह होती है।
Credit: instagram
Thanks For Reading!
Find out More