Dec 5, 2022
BY: Medha Chawlaएड्स और ऑस्टामी के मरीजों को ट्रेन के सेकंड क्लास में 50 फीसदी कन्सेशन मिलता है। साथ ही उनके साथ आए एक व्यक्ति भी कन्सेशन के दायरे में आता है। ये कन्सेशन मेल एक्सप्रेस ट्रेन के मूल किराए में ही दी जाएगी।
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कैंसर मरीजों को अकेले या फिर किसी के साथ ट्रेन में ट्रैवल करने पर स्लीपर और थर्ड एसी में 100 फीसदी कन्सेशन मिलता है। इसके अलावा फर्स्ट क्लास, सेकंड क्लास और एसी चेयरकार में 75 फीसदी, फर्स्ट एसी और सेकंड एसी में 50 फीसदी कन्सेशन मिलता है।
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टीबी और ल्यूपस के मरीजों को ट्रेन के सेकंड क्लास, स्लीपर और फर्स्ट क्लास में 75 फीसदी तक कन्सेशन मिलता है। साथ ही उनके साथ आए एक व्यक्ति भी कन्सेशन के दायरे में आता है।
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हिमोफीलिया के मरीजों को ट्रेन के सेकंड क्लास, स्लीपर, फर्स्ट क्लास, थर्ड एसी, एसी चेयरकार में 75 फीसदी तक कन्सेशन मिलता है। साथ ही उनके साथ आए एक व्यक्ति भी कन्सेशन के दायरे में आता है।
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सिकल सेल एनीमिया से पीड़ित मरीजों को ट्रेन के स्लीपर, एसी सेकंड, थर्ड एसी, एसी चेयरकार क्लास में 50 फीसदी तक कन्सेशन मिलता है।
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हार्ट, किडनी और थैलेसीमिया के मरीजों को भी रेल से यात्रा करने पर कन्सेशन मिलता है। सेकंड क्लास, स्लीपर, फर्स्ट क्लास, थर्ड एसी, एसी चेयरकार में 75 फीसदी और फर्स्ट एसी और सेकंड एसी में 50 फीसदी तक कन्सेशन मिलता है। साथ ही उनके साथ आए एक व्यक्ति भी कन्सेशन के दायरे में आता है।
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ट्रेन के टिकट में कन्सेशन के लिए मरीजों को सभी जरूरी मेडिकल पेपर्स अपने पास रखने जरूरी है।
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