Jul 25, 2023
हर देश अपनी करेंसी खुद छापता है, पर इतिहास में ऐसा भी हुआ है कि किसी देश ने दूसरे देश की करेंसी छापी
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एक समय ऐसा था जब जापान ने भारतीय करेंसी छापी थी
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हालांकि ये नोट भारत नहीं बल्कि म्यांमार के लिए छापे गए थे, जिसे पहले बर्मा कहा जाता था
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बात दूसरे विश्व युद्ध की है, जब भारत की ही तरह म्यांमार भी ब्रिटेन की कॉलोनी था
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दूसरे विश्व युद्ध में जापान और ब्रिटेन अलग-अलग गुटों में लड़ रहे थे
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1939 में युद्ध शुरू होने के बाद 1942 में जापान ने बर्मा पर कब्जा कर लिया
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1944 तक बर्मा जापान के कब्जे में रहा। तब ही वहां सामान की खरीद-बिक्री के लिए करेंसी की जरूरत पड़ी
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उस समय बर्मा में भी भारतीय रुपये में ही कारोबार होता था
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जापान ने कब्जे के बाद एक अस्थाई सरकार बनाई तो भारतीय रुपयों का इस्तेमाल ही किया
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जापान ने बर्मा में 1, 5 और 10 सेंट्स (पैसे), 1, 5, 10 और 100 रुपये के नोट छापे थे
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1945 में परमाणु हमले के बाद जापान की हार हुई और उसी के साथ उस करेंसी का वजूद भी खत्म हो गया
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