स्टेशन के करीब बिछी होती हैं कई पटरियां, फिर ड्राइवर कैसे तय करता है सही रास्ता

Rohit Ojha

Jan 4, 2024

सही ट्रैक

कई पटरियों में से आखिर ट्रेन के ड्राइवर को सही ट्रैक का पता कैसे चलता है।

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अलग-अलग ट्रैक्स

किसी स्टेशन एक ही लाइन में जाने वाले अलग-अलग ट्रैक्स में से वो सही लाइन कैसे चुनता है।

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होम सिग्नल

जहां एक से अधिक ट्रैक होते हैं तो लोको पायलट को किस ट्रैक पर जाना है, इसकी जानकारी होम सिग्नल से मिलती है।

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सिग्नल बताता है रास्ता

सिग्नल ही लोको पायलट को बताता है कि उसे किस ट्रैक पर गाड़ी को लेकर आगे जाना है।

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300 मीटर पहले सिग्नल

जिस जगह पर कोई ट्रैक एक से अधिक बागों में बंट रहा होता है, तो उससे 300 मीटर पहले होम सिग्नल को लगाया जाता है।

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​रूट सिग्नल​

इसी पर रूट सिग्नल (सफेद लाइट) भी लगा होता है, जो लोको पायलट को सही ट्रैक बताता है।

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​लोको पायलट

सफेद लाइट ही लोको पायलट को ट्रेन को सुरक्षित स्टेशन पर ले जाने के लिए भी सिग्नल देता है।

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दो लोको पायलट

हर ट्रेन में 2 ड्राइवर रहते हैं, इनमें से एक लोको पायलट होता है और दूसरा असिस्टेंट लोको पायलट।

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