Dec 10, 2023
आपने कई बार नीली, पीली और हल्की गुलाबी टेबलेट्स देखी होंगी।
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लेकिन कभी सोचा है कि दवाओं को रंग-बिरंगी बनाने की वजह क्या है।
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ज्यादातर टेबलेट्स का रंग सफेद होता है, लेकिन कुछ रंग-बिरंगी होती हैं।
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दवाएं जिस केमिकल या ड्रग से तैयार की जाती हैं, वही तय करता है कि दवा का रंग कैसा होगा।
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जैसे- बरबेरिन दवा का रंग पीला होता है क्योंकि उसमें मिलने वाले ड्रग का रंग पीला है।
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दवाओं के रंग के आधार पर इसे पहचानने में मदद मिलती है। क्योंकि ड्रग की वजह से दवा का रंग बदलता है।
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इसलिए इसे पहचानना आसान हो जाता है कि यह दवा किस तरह की है और किस बीमारी में दी जा सकती है।
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टैबलेट्स को आकार देते समय काफी सावधानी बरती जाती है। खाते समय यह गले में न अटके इसका ध्यान रखा जाता है।
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कई ड्रग कंपनियां दवाओं की मार्केटिंग के लिए इसे अलग-अलग आकार देती हैं।
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