Oct 30, 2024
भारत में अब ग्रीन पटाखे खूब बिक रहे हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ग्रीन पटाखे होते क्या हैं?
Credit: istock
ग्रीन पटाखे ऐसे पटाखे होते हैं जिनमें पर्यावरण को कम से कम नुकसान पहुंचाने के लिए विशेष तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है।
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इन पटाखों में कुछ खास केमिकल का कम मात्रा में उपयोग किया जाता है, जिससे यह परंपरागत पटाखों की तुलना में अधिक सुरक्षित होते हैं।
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ग्रीन पटाखों में प्रदूषणकारी केमिकल जैसे एल्यूमीनियम, बेरियम, पोटेशियम नाइट्रेट और कार्बन को या तो निकाल दिया जाता है या बहुत कम कर दिया जाता है।
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ग्रीन पटाखों में हानिकारक केमिकल्स, जैसे सल्फर और नाइट्रेट्स, कम मात्रा में होते हैं जिससे यह वायु प्रदूषण कम करते हैं। इन पटाखों से निकलने वाला धुआं और गंध भी परंपरागत पटाखों की तुलना में कम होती है, जिससे वायु क्वालिटी बेहतर रहती है।
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ग्रीन पटाखों में ध्वनि का स्तर कंट्रोल होता है, जिससे यह 125 डेसिबल तक सीमित होते हैं, जो कि कानों के लिए सुरक्षित है। इससे ध्वनि प्रदूषण भी कम होता है।
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कम हानिकारक तत्वों के कारण इन पटाखों का धुआं श्वसन और त्वचा संबंधी समस्याएं नहीं बढ़ाता, जिससे सांस संबंधी बीमारियों का खतरा कम होता है।
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इन पटाखों में गैर-विषैले तत्वों का उपयोग होता है जो पर्यावरण को कम से कम नुकसान पहुंचाते हैं। ग्रीन पटाखे कम कार्बन उत्सर्जन करते हैं, जिससे जलवायु परिवर्तन पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
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