Oct 26, 2023
दिवाली के आने से पहले से ही चारों तरफ पटाखों की आवाजें गूंजने लगती हैं।
Credit: iStock
लेकिन भारत में पटाखे पहली बार कब आए और इन्हें कौन लेकर आया।
Credit: iStock
इतिहास के प्रोफेसर रहे राजीव लोचन ने पटाखों के बारे में दिलचस्प बातें बताई थीं।
Credit: iStock
ईसा पूर्व काल में लिखे गए कौटिल्य के अर्थशास्त्र में भी एक ऐसे चूर्ण का जिक्र मिलता है।
Credit: iStock
इसके जलने पर तेज लपटें पैदा होती थीं, जिसे बांस जैसे किसी नलिका में डालकर बांधने पर पटाखा बन जाता था।
Credit: iStock
हालांकि, भारत में पटाखों का इतिहास 15वीं सदी से भी पुराना है, जिसकी झलक पुरानी पेंटिंग्स में देखने को मिलती है।
Credit: iStock
इतिहासकारों कहते हैं कि आतिशबाजी मूल रूप से दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व में प्राचीन लिउ यांग, चीन में विकसित की गई थी।
Credit: iStock
बारूद से पटाखा चीनी सैनिकों ने बनाया था। उन्होंने बारूद को बांस में भरकर पटाखे बनाए थे।
Credit: iStock
कुछ इतिहासकार बताते हैं कि भारत में आतिश दीपांकर नाम के बंगाली बौद्ध धर्मगुरू ने 12वीं सदी में इसे प्रचलित किया।
Credit: iStock
इस स्टोरी को देखने के लिए थॅंक्स