Dec 16, 2024
Credit: istock
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ठंड के मौसम में हवा में नमी कम होती है, जिससे स्टैटिक इलेक्ट्रिसिटी (स्थैतिक विद्युत) बनने की संभावना बढ़ जाती है।
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हमारे शरीर और कपड़ों पर रगड़ के कारण इलेक्ट्रॉनों का संचय होता है, जो स्थैतिक चार्ज (Static electricity) पैदा करता है।
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ऊन और सिंथेटिक कपड़े अधिक चार्ज जनरेट करते हैं, क्योंकि ये इलेक्ट्रॉनों को जल्दी खींचते या छोड़ते हैं। वहीं ठंड में लोग इंसुलेटेड जूतों का उपयोग करते हैं, जिससे चार्ज को जमीन में जाने का रास्ता नहीं मिलता।
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किसी धातु या दूसरे व्यक्ति को छूने पर यह चार्ज तुरंत डिस्चार्ज हो जाता है। इसके अलावा ठंड में त्वचा सूखी होती है, जो चार्ज के संचय को बढ़ाती है, जिससे करंट लगने का अनुभव होता है।
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धातु जैसी विद्युत चालक वस्तुओं को छूने पर चार्ज तेजी से डिस्चार्ज होता है। जब इंसुलेटर (जैसे कपड़े) और कंडक्टर (जैसे धातु) संपर्क में आते हैं, तो यह चार्ज निकलता है। जिससे झटका महसूस होता है।
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नमी बढ़ाने, मॉइस्चराइजर लगाने और रबड़ के बजाय चमड़े के जूते पहनने से इस झटके को कम किया जा सकता है।
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