Mar 28, 2024
उत्तर प्रदेश का कानपुर शहर अपने देसी अंदाज और खुशमिजाजी के लिए काफी मशहूर है। यहां पर कुछ ऐसे स्लैंग बोले जाते हैं जो फेमस तो देश भर में हैं लेकिन उनका मतलब कोई नहीं जानता है। आज ऐसे ही शब्दों के बारे में हम आपको बताएंगे।
Credit: Social-Media
कनपुरिया डिक्शनरी का पहला शब्द है 'तफरीह'...इसका मतलब होता है 'घूमना-फिरना' या 'आवारगी।' उदाहरण के लिए- 'ये आदमी तो तफरीह किया करता है।'
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'फिजूल की बातें' करने को कानपुर में बकैती कहा जाता है। उदाहरण के लिए- 'तुम भी बहुत बकैती करते हो यार।'
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कानपुर का ये शब्द इतना फेमस है कि OTT पर इस नाम की वेब सीरीज तब बनी और सुपरहिट हुई। दरअसल 'भौकाल' का मतलब है 'शान।' उदाहरण के लिए- 'इन भाई साहब का बड़ा भौकाल है।'
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कनपुरिया डिक्शनरी के 'कंटाप' शब्द का मतलब है 'थप्पड़।' उदाहरण के लिए- 'बकैती न करो नहीं तो कंटाप जड़ देंगे।'
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जब किसी कनपुरिया पर 'मुसीबतों का पहाड़' टूटता है तो वो कहता है- 'भाई बड़ी लभेड़ हुई गई।'
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कनपुरिया डिक्शनरी में 'बऊड़म' शब्द का मतलब 'बेवकूफ' यानी 'मूर्ख' व्यक्ति को बताया गया है। उदाहरण के लिए- 'गुरू एकदम बऊड़म ही हो का।'
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कनपुरिया लोग 'हंसी-मजाक' करने को 'चिकाई' कहते हैं। उदाहरण के लिए- 'भाई चिकाई न करो।'
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जब किसी कनपुरिया व्यक्ति के सामने कोई 'ओवरस्मार्ट' बनता है तो वो उसे 'खलीफा' कहते हैं। उदाहरण के लिए- 'तुम बड़े खलीफा हो।'
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कनपुरिया लोग 'रसूख' को ही 'पऊवा' कहते हैं। जैसे- 'गजोधर से कह दो उसका बड़ा पऊवा है।'
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