Feb 21, 2023
नदियों को भारत में मां का दर्जा दिया गया है और उनका बड़ा धार्मिक महत्व है, लोग पवित्र नदियों में स्नान भी करते हैं
भारत देश में नदियां केवल जीवनदायिनी ही नहीं मानी जाती हैं, बल्कि उनका बड़ा धार्मिक महत्व भी भारतीय समाज में है
देश की ऐसी नदी है जिसका पानी पीना तो दूर, लोग उसे हाथ तक नहीं लगाते हैं इसके पीछे वजह है
उत्तर प्रदेश की एक नदी कर्मनाशा (Karmanasa River) के पानी को लोग छूते तक नहीं हैं
कर्मनाशा नदी बिहार और यूपी में बहती है इस नदी का अधिकांश हिस्सा यूपी में है जहां यह सोनभद्र, चंदौली, वाराणसी और गाजीपुर से होकर बहती है और बक्सर के पास गंगा में मिल जाती है
कर्मनाशा दो शब्दों से बना है पहला कर्म और दूसरा नाशा, माना जाता है कि कर्मनाशा नदी (Karamnasa nadi) का पानी छूने से काम बिगड़ जाते हैं और अच्छे कर्म भी बेकार हो जाते हैं
कहते हैं कि कर्मनाशा नदी को लेकर मिथ के चलते लोग इस नदी के पानी को ना तो छूते हैं ना ही किसी भी काम में प्रयोग करते हैं
कर्मनाशा नदी को भारत का शोक कहा जाता है, यह नदी उत्तर प्रदेश के वाराणसी, सोनभद्र, चंदौली और बिहार के आरा, बक्सर में बहने वाली नदी है जिसे अपवित्र माना जाता था
कहा जाता है कि प्यासे होने पर लोग फल खाकर गुजारा कर लेते थे लेकिन इस नदी के पानी को प्रयोग में नहीं लाते
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