Jul 1, 2023
आमतौर पर ये माना जाता है कि गोश्त, चिकन जैसा मांसाहार मुगलों का भोजन है।
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मुगलों के भोजन की बात करें तो वो काफी अलग होता था, जिससे जानने के लिए इतिहास में जाना होगा।
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मुगल काल के कई ऐसे शासक भी थे जो मांस खाने से परहेज करते थे।
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वे शासक मांसाहार का सेवन यदा-कदा ही करते थे। इसकी जगह उन्हें फल-सब्जियां और दालों को शौक था।
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बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक अकबर, औरंगजेब और जहांगीर मांसाहार से परहेज करते थे।
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अकबर ने तीन रसोईयां बनवाई थीं। जिनमें से एक में सिर्फ शाकाहार ही बनता था। जिसे सूफियाना खाना कहा जाता था, जिसमें अकबर का पसंदीदा खाना दाल, पुलाव और मौसमी सब्जियां शामिल थीं।
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जहांगीर भी मांस से परहेज करता था। गुरुवार और रविवार को न तो वो मांस खाता था और यहां तक इन दिनों में उसने मांस काटने पर भी रोक लगा रखी थी।
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शुरुआती दिनों में औरंगजेब मुर्ग मुसल्लम का शौकीन था, लेकिन इसके बाद धीरे-धीरे उसे मांस से नफरत हो गई और फिर वो शाकाहार का सेवन करने लगा।
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औरंगजेब को पनीर के कोफ्ते, गेहूं से बने कबाब और चने की दाल से बने पुलाव के अलावा फलों में आम काफी पसंद था।
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