Mar 12, 2024
हम सभी ने स्वीट शॉप पर मिलने वाली चाशनीयुवक्त जलेबी तो खूब खाई है। जिसे दही, रबड़ी, दूध और मलाई के साथ खाया जाता है।
Credit: Social-Media/Istock
लेकिन क्या आपको पता है कि, एक जलेबी ऐसी भी है जो कि पेड़ों पर उगती है और उसका स्वाद ओरिजिनल जलेबी को फेल कर देता है।
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पेड़ों पर उगने वाली इस जलेबी के और भी कई नाम हैं। जैसे- मीठी इमली, गंगा जलेबी, मद्रास थ्रोन, गुआमुचिल। दरअसल, ये एक फल है, जो जलेबी की तरह घुमावदार है और जंगलों में मिलता है। इसलिए इसे जंगली जलेबी कहते हैं।
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जानकार बताते हैं कि, जंगली जलेबी के पौधे के अर्क के कुछ हिस्सों में भरपूर औषधीय गुण होते हैं। जैसे- इसमें बायोएक्टिव फाइटोकंपाउंड जैसे फ्लेवोनोइड्स, सैपोनिन, टैनिन, अल्कलॉइड होने के साथ विटामिन सी, विटामिन बी1, बी2, बी3, विटामिन के, आयरन, कैल्शियम, फास्फोरस, प्रोटीन, आहार फाइबर, सोडियम और विटामिन ए भी उपस्थित होता है।
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ओरिजिनल जलेबी का सेवन सेहत बिगाड़ता है लेकिन इसमें ऐसा नहीं है। जंगली जलेबी का सेवन डायबिटीज में लाभकारी माना जाता है। इसके अर्क के रस में एंटी-हाइपरग्लाइसेमिक गुण होते हैं। इससे डायबिटीज और ब्लड शुगर दोनों ही कंट्रोल में रहते हैं।
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जंगली जलेबी की एक खासियत ये भी है कि, ये खून में गंदे LDLकोलेस्ट्रॉल को कम करता है। ये फल हार्ट के मरीजों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
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ये जंगली जलेबी कई तरह के एंटी-ऑक्सीडेंट से भरी होती है। ये शरीर की रोगों और वायरस से लड़ने की क्षमता को बढ़ाने का काम करता है। इससे गठिया की समस्या में भी आराम मिलता है।
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अन्य फलों की तरह जंगली जलेबी को भी छिलकर खाया जा सकता है। हालांकि ध्यान रखें की इसका बीज पेट में न जाएं। कई लोग इसे सुखाकर या इसका मुरब्बा बनाकर भी खाते हैं।
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गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को जंगली जलेबी का फल खाने से बचना चाहिए। क्रोनिक मेडिकल कंडीशन से ग्रसित व्यक्ति को भी डॉक्टर की सलाइ पर इसका सेवन करना चाहिए। (*डिस्क्लेमर: ये खबर जानकारी मात्र के लिए है। दी गई जानकारी को अमल लाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें। )
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