Feb 14, 2023
14 फरवरी को हर साल वैलेंटाइन डे मनाया जाता है। इस दिन लोग अपने प्यार का इजहार करते हैं। इस मौके पर हम आपको ऐसी प्रेम कहानी के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में जानकर आप भी यही कहेंगे, ' ये तो अनोखी प्रेम कहानी है'।
Credit: Social-media
ये प्रेम कहानी है साहित्यकार भोलानाथ आलोक की, जिन्होंने मरी हुई पत्नी के लिए 32 साल तक अनोखी तपस्या की।
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दरअसल, भोलानाथ जी की पत्नी का निधन काफी पहले हो गया था और उनकी इच्छा थी कि जब उनका निधन हो तो उनकी पत्नी का अस्थि कलश उनके शव पर रखकर दाह संस्कार किया जाए।
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उनका मानना था कि उनका प्रेम हमेशा के लिए अजर-अमर रहे।
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24 जून 2022 को जब भोलानाथ का निधन हुआ तो उनकी इच्छा पूरी की गई। उनके दामाद ने उनकी यह इच्छा पूरी की।
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बिहार के पूर्णिया के रहने वाले साहित्यकार भोलानाथ की पत्नी पद्मा रानी का निधन 25 मई 1990 को हो गया था।
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32 सालों तक भोलानाथ ने अपनी पत्नी के प्यार की निशानी के रूप में उनका अस्थि कलश अपने घर में आम के पेड़ में लटकाए रखा।
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भोलानाथ अपनी पत्नी के मरने के बाद तक उनके अस्थि कलश की पूजा करते रहे।
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आखिरकार, उनकी इच्छा पूरी हुई और उनका प्रेम हमेशा के लिए अमर हो गया। आसपास के लिए इस प्रेमी कहानी का मिसाल भी देते हैं।
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