Jul 9, 2023
भारत में लंबे वक्त तक मुगल बादशाहों ने शासन किया।
Credit: Social-Media
मुगल शासनकाल में अकबर का नाम भी काफी चर्चा में रहा।
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अकबर अपने शासन के समय अजमेर शरीफ की दरगाह को बहुत मानता था। जहां ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह है।
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ईरान के सिज़िस्तान में जन्में मुईनुद्दीन चिश्ती भारत में सूफीवाद फैलाने के लिए आए थे। लोग निजामुद्दीन औलिया के बाद चिश्ती को दूसरा सबसे बड़ा संत मानते थे। इनके पास लोग अपनी समस्या लेकर आते थे।
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मुगल सम्राट अकबर संतान की चाहत में 437 किमी. पैदल चलकर मुईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह आया था। उसके बाद ही जहांगीर का जन्म हुआ था।
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बताते हैं कि, मुईनुद्दीन चिश्ती जिस जगह नमाज अता करते-करते अल्लाह को प्यारे हो गए थे वहीं, उनके प्रशंसकों ने कब्र बनवा दी। उसी भव्य मकबरे को 'मुईनुद्दीन चिश्ती का मकबरा' कहा जाता है।
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मुईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह का निर्माण हुमायूं ने कराया था। जिसके बाद हैदराबाद के निजाम ने यहां पर गेट लगवाया।
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ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर सबसे पहले मोहम्मद-बिन-तुगलक गया था।
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लोग इस दरगाह के पानी को काफी पवित्र मानते हैं। मकबरे में जन्नती दरवाजा होने का भी दावा किया जाता है जो साल में चार बार ही खुलता है। वहीं, अजमेर शरीफ के अंदर अकबर मस्जिद भी है।
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