शंकराचार्य का क्या होता है मतलब, जानकर दिमाग की बत्ती गुल हो जाएगी​

Kishan Gupta

Jan 23, 2024

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा सम्पन्न

​बीते सोमवार को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की गई, जिसको लेकर चारों ओर दीवाली का माहौल दिखा।​

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ITBP Soldier Ram Bhajan

प्राण प्रतिष्ठा में नहीं पहुंचे शंकराचार्य

इस बीच शंकराचार्यों के प्राण प्रतिष्ठा में न आने और उनके मत को लेकर कई वीडियो भी सामने आए।

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शंकराचार्य का क्या मतलब होता है?

ऐसे में क्या आप जानते हैं कि शंकराचार्य का मतलब क्या होता है?

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​हिन्दू धर्म में सर्वोच्च धर्मगुरु का पद ​

बता दें, हिन्दू धर्म में सर्वोच्च धर्मगुरु का पद शंकराचार्य का होता है।

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​​सभी वेदों और पुराणों के ज्ञाता होते हैं शंकराचार्य​

शंकराचार्य सभी वेदों और पुराणों के ज्ञाता होते हैं, जो मुख्य रूप से सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार करते हैं।

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माने जाते हैं शिव का अवतार

सनातन धर्म का यह सर्वोच्च पद भगवान द्वारा स्थापित है, जो शिव के अवतार माने जाते हैं।

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​शंकराचार्य के चार पद ​

शंकराचार्य के चार पद हैं - ज्योतिर्मठ, गोवर्धन मठ, शृंगेरी शारदा पीठ व द्वारिका पीठ।

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कब हुई इस पद की शुरुआत

इस पद की शुरुआत आदि शंकराचार्य से मानी जाती है, जो एक दार्शनिक और धर्मगुरु थे।

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भारत के चारों कोनों पर स्थित है मठ

आदि शंकराचार्य ने ही सनातन धर्म की प्रतिष्ठा के लिए भारत में चारों कोनों पर मठ स्थापित किए थे।

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