Jan 25, 2023
जब कभी 'रेड लाइट एरिया' का नाम लिया जाता या फिर उसकी चर्चा होती है, तो दिमाग में एक ही ख्याल आता है देह व्यापार वाली जगह। यानी जहां सेक्स वर्कर काम करती हैं। लेकिन, कभी सोचा है देह व्यापार वाली जगह को रेल लाइट एरिया क्यों कहते हैं? या फिर लाल रंग से इसका क्या संबध है?
Credit: Social-Media
इस नाम के पीछे कई मान्यताएं हैं। देह व्यापार का धंधा काफी पुराना है और लाल रंग से इसका काफी गहरा रिश्ता है।
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दरअसल, लाल रंग को काफी संवेदनशील माना गया है। साथ ही ये कामुखता का प्रतीक होता है। वहीं, रेड लाइट एरिया को रेल लाइट डिस्ट्रिक्ट से जोड़कर देखा जाता है।
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ऐसा कहा जाता है कि 1890 के दशक में 'रेड-लाइट डिस्ट्रिक्ट' कंसास में बनाया गया एक शब्द था।
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संयुक्त राज्य अमेरिका में वूमेंस क्रिश्चियन टेम्परेंस यूनियन की बैठक में रेड-लाइट डिस्ट्रिक्ट्स का जिक्र किया गया है। वहीं, ऑक्सफोर्ड इंग्लिश डिक्शनरी के मुताबिक, इस शब्द का सबसे पहले इस्तेमाल ओहियो के एक न्यूजपेपर सैंडुस्की रजिस्टर में हुआ था।
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ऐसा कहा जाता है कि डॉज सिटी के कंसास में रेलवे स्टेशन के पास देह व्यापार करने वाली महिलाएं थीं। उनके पास लाल लालटेन हुआ करती थी।
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रेलकर्मी अपने लाल लालटेन को सेक्स वर्कर्स के दरवाजे के बाहर छोड़ देते थे, ताकि जब उन्हें काम पर वापस जाना पड़े तो उन्हें जगाया जा सके।
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चीन में भी वेश्यालय के बाहर लाल कपड़े के लालटेन लटकाए जाते थे, ताकि लोगों को पता चल सके कि वहां उन्हें क्या मिलेगा।
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लाल रंग का जिक्र एक धार्मिक किताब से भी किया गया है। इस किताब के अनुसार, रहाब नाम की सेक्स वर्कर अपने घर की पहचान के लिए लाल रंग की रस्सी का प्रयोग करती थी। लाल रंग के साथ देह व्यापार का संबंध सदियों से चला आ रहा है। लिहाजा, इस एरिया को रेड लाइट एरिया कहा जाता है।
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