Nov 22, 2024
कहते हैं, 'किताबें इंसान की सबसे अच्छी दोस्त होती हैं।' फिर चाहे वो कला, संगीत या साहित्य की ही क्यों न हो।
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बचपन से लेकर बुढ़ापे तक हर शख्स के जीवन में किताबों का बड़ा महत्व है। बचपन में पढ़ाई के लिए किताबों से शुरू हुआ सफर बुढ़ापे में समाचार पाने इत्यादि तक पहुंच जाता है।
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मगर क्या आपने कभी सोचा है कि, किताबों का आकार अमूमन चौकोर ही क्यों होता है ? वैसे अगर आपको इस सवाल का जवाब नहीं पता है तो आज हम आपको बताते हैं।
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किताबों के चौकोर आकार के पीछे एक या दो नहीं बल्कि 4 वजहें हैं। आज हम आपको चारों वजहों के बारे में बताएंगे।
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सबसे पहला कारण है कि, चौकोर किताबें पढ़ने में सहूलियत होती है क्योंकि आमतौर पर लोग इन्हें एक हाथ से पकड़ते हैं और दूसरे हाथ से पन्नों को पलटते हैं। किताबों की चौकोर शेप इस काम को आसान बना देती है।
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किताबों का आकार चौकोर होने से इन्हें आसानी से खोला और बंद भी किया जा सकता है।
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एक कारण ये भी है कि, चौकोर किताबें आराम से स्टोर की जा सकती हैं। इन्हें आसानी से एक दूसरे के ऊपर रख सकते हैं। कम जगह में, अलमारियों या शेल्फ में किताबों को ढूंढना और निकालना भी आसान हो जाता है।
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आपको बता दें कि, कागज का उत्पादन चौकोर शीट्स में होता है। ऐसे में किताबों को काटने और मोड़ने में कचरा काफी कम होता है। यदि इनका आकार गोल होगा तो किताब न तो किफायती होगी और कागज की वेस्टेज भी काफी होगी।
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उम्मीद है कि, अब आप समझ गए होंगे कि, किताबों का आकार गोल या तिकोना होने के बजाय चौकोर ही क्यों होता है। तो अब इस जानकारी को अपने दोस्तों व स्वजन से भी शेयर कीजिए।
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