Sep 27, 2023
अमेरिका के न्यू जर्सी स्थित रॉबिन्सविले में ये मंदिर 14 साल में बनकर तैयार हुआ है। इसे हजारों भक्तों ने मिलकर तैयार कराया। ये मंदिर दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर से भी दूने क्षेत्रफल (183 एकड़) में फैला है। बता दें कि 18 अक्टूबर, 2023 को इसका उद्घाटन होगा।
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बीपीएस स्वामीनारायण संस्था के प्रवक्ता ने बताया, 'हम सभी चाहते हैं कि विश्व के सभी लोग हिन्दू सभ्यता और वसुधैव कुटुंबकम का सही अर्थ जान सकें। 18 अक्टूबर को खुलने के बाद इसे सभी भक्तों के लिए खोल दिया जाएगा।'
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अमेरिका में तैयार हुआ ये मंदिर दुनिया का सबसे दूसरा सबसे बड़ा मंदिर है। वहीं, कंबोडिया का अंकोरवाट मंदिर के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा हिंदू मंदिर है।
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न्यू जर्सी के रॉबिन्सविले में बने इस मंदिर में 10,000 मूर्तियों और प्रतिमाओं की प्राण-प्रतिष्ठा हुई है। इसे प्राचीन हिन्दू धर्मग्रंथों के अनुसार बनाया गया है।
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मंदिर का निर्माण चार खास किस्म के पत्थरों से हुआ है। इनमें चूना पत्थर, गुलाबी बलुआ पत्थर, संगमरमर और ग्रेनाइट शामिल हैं। इनकी सबसे बड़ी खासियत ये है कि ये गर्मी और ठंड का सामना कर सकते हैं।
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अमेरिका के इस खूबसूरत मंदिर के लिए चूना पत्थर बुल्गारिया और तुर्किए से, संगमरमर तुर्किए और इटली से, ग्रेनाइट भारत और चीन से, बलुआ पत्थर भारत से एवं अन्य सजावटी पत्थर यूरोप, एशिया, लैटिन अमेरिका मंगाए गए हैं।
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अमेरिका का ये मंदिर बीपीएस स्वामीनारायण संस्था (बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था) ने 2011 में प्रारंभ कराया था। इसमें 12,500 से अधिक स्वयंसेवकों ने सहायता की है।
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रॉबिन्सविले के इस मंदिर में भारतीय संगीत और कला के साथ पुरातन संस्कृति की भी झलक देखने को मिलेगी।
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इस मंदिर का निर्माण दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर की तर्ज पर कराया गया है। साथ ही इन बातों का भी ध्यान रखा गया है कि, एक हजार साल तक इसे कुछ भी न हो।
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