Sep 20, 2023
कनडा- भारत तनाव के बीच 1985 में एयर इंडिया के कनिष्क विमान हादसे को याद करना भी जरूरी हो जाता है। 23 जून, 1985 को एयर इंडिया की उड़ान 182 'कनिष्क' आतंकी हमले का शिकार हुआ था।
Credit: Twitter/Freepik
23 जून, 1985 को बीच हवा में एयर इंडिया के कनिष्क विमान में धमाका हुआ जिसमें 329 लोग मारे गए थे। इनमें से अधिकतर कनाडाई नागरिक थे।
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ये विमान मॉन्ट्रियल से टोरंटो होते हुए लंदन के लिए उड़ान भर रहा था। लेकिन खालिस्तानी आतंकवादियों ने इसे हवा में ही उड़ा दिया।
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कनाडा के मॉन्ट्रियल से उड़ान भरने के 45 मिनट के भीतर इसमें विस्फोट हो गया। बम विमान में एक सूटकेस में था।
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सीबीसी न्यूज के मुताबिक, मंजीत सिंह नाम का एक शख्स एयर इंडिया फ्लाइट 182 में एक सूटकेस लेकर आया था, लेकिन जब फ्लाइट ने उड़ान भरी तो मंजीत सिंह उसमें नहीं था।
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'सम्राट कनिष्क' बमबारी कनाडा में आतंक का सबसे भयानक कृत्य था। फिर भी सिर्फ एक शख्स इंद्रजीत सिंह रेयात को इसमें दोषी ठहराया गया और वह भी बम धमाके के दशकों बाद।
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मास्टरमाइंड तलविंदर सिंह परमार को कभी दोषी नहीं ठहराया गया। 1992 में जब वह भारत लौटा तो पंजाब में पुलिस मुठभेड़ में मारा गया।
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2006 में तत्कालीन कनाडाई प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर ने बम विस्फोट के लिए जांच आयोग की घोषणा की। 2010 में प्रकाशित रिपोर्ट में सुरक्षा नाकामी और गलतियां के बारे में बताया गया था।
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