May 15, 2024
मंगलवार 14 मई को सूर्य से सबसे बड़ी सौर ज्वाला निकली, जो पिछले लगभग दो दशकों में पैदा हुई सबसे बड़ी सौर ज्वाला थी।
Credit: NASA
नासा की सोलर डायनेमिक्स वेधशाला ने सौर ज्वाला की ‘एक्स-रे’ चमक को कैमरे में कैद किया। यह साल 2005 के बाद सबसे ज्यादा चमकदार थी।
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वहीं, कुछ दिन पहले ही पृथ्वी पर भयंकर सौर तूफान का प्रभाव पड़ा था। इसकी वजह से ऐसे स्थानों पर भी चमकदार नॉर्दर्न लाइट्स पैदा हो गई थीं, जहां पहले कभी ऐसा नहीं देखा गया था।
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नासा ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर सात अंतरिक्ष यात्रियों को मजबूत विकिरण सुरक्षा वाले क्षेत्रों में रहने की सलाह दी गई थी।
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इसरो ने कहा कि मई की शुरुआत में एक ताकतवर सौर तूफान ने पृथ्वी पर असर डाला है। इसे आदित्य एल 1 ने रिकॉर्ड भी किया।
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आदित्य-एल1 और चंद्रयान-2 दोनों ने इस घटना का अवलोकन किया है और इसके प्रभाव का विश्लेषण किया गया है।
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यह तूफान सूर्य के सबसे सक्रिय क्षेत्र में विस्फोटों के कारण आया। भू-चुंबकीय तूफान 2003 के बाद से सबसे तीव्र था जिससे संचार और जीपीएस प्रणाली बाधित हुई।
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इसरो ने कहा, यह अपनी ताकत के मामले में 2003 के बाद से सबसे बड़ा भू-चुंबकीय तूफान है। पिछले कुछ दिनों में कई एक्स श्रेणी की चमक और सीएमई पृथ्वी से टकराए हैं।
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इसरो ने कहा, अगले कुछ दिनों में और अधिक घटनाएं हो सकती हैं। इसरो ने कहा कि भारतीय क्षेत्र कम प्रभावित हुआ क्योंकि तूफान की मुख्य घटना 11 मई की सुबह हुई, जब आयनमंडल पूरी तरह से विकसित नहीं हुआ था।
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कोलोराडो के बोल्डर में एनओएए के ‘स्पेस वेदर प्रेडिक्शन सेंटर’ में ब्रायन ब्रैशर ने कहा कि जब वैज्ञानिक अन्य स्रोतों से आंकड़े इकट्ठा करेंगे तो संभवत: इसकी चमक की गहनता को लेकर और ज्यादा जानकारी मिले।
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