Dec 16, 2023

धरती पर क्यों खींची गई हैं तीन रेखाएं, जानिए इनका क्या है रहस्य?

Ramanuj Singh

कर्क रेखा धरती के उत्तरी गोलार्द्ध में खींची गई

कर्क रेखा धरती के उत्तरी गोलार्द्ध में खींची गयी है जिसे 23.5 डिग्री उत्तरी अक्षांश भी कहते है।

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​मकर रेखा धरती के दक्षिणी गोलार्द्ध में​

मकर रेखा को धरती के दक्षिणी गोलार्द्ध में खींचा गया है जिसे 23.5 डिग्री दक्षिणी अक्षांश कहा जाता है।

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​भूमध्य रेखा धरती के बीचो बीच खींची गई ​

भूमध्य रेखा धरती के बीचो बीच खींची गई है। यह पृथ्वी को दो हिस्से उत्तरी और दक्षिणी गोलार्द्ध में बांटती है।

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​धरती को समझने में आसान बनाती हैं ये रेखाएं​

इन रेखाओं को खींचने के पीछे कारण यह कै कि इससे धरती को समझने में आसानी होती है।

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​​इन रेखाओं से तापमान के बारे में भी पता लगाया जाता है​

इन रेखाओं के द्वारा ही धरती पर कब कहां कितना तापमान पाया जाता है, जानकारी मिलती है।

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दिन-रात की टाइमिंग का भी पता चलता है

दिन-रात कितने घंटे का होगा यह पता करना आसान होता है।

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​कर्क और मकर रेखाएं साल में एक बार सूर्य के करीब आती हैं​

कर्क और मकर रेखाओं पर साल में एक बार सूर्य की रोशनी सीधे पड़ती है।

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​​कर्क रेखा पर सूर्य रहने पर उत्तरी गोलार्द्ध में गर्मी पड़ती है​

जब सूर्य कर्क रेखा पर सीधी पड़ती है तब उत्तरी गोलार्द्ध में गर्मी का मौसम होता है। दक्षिणी गोलार्द्ध ठंड पड़ती है।

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मकर रेखा पर सूर्य रहने पर ​दक्षिणी गोलार्द्ध गर्मी पड़ती है​

जब सूर्य मकर रेखा पर सीधी पड़ती है तो दक्षिणी गोलार्द्ध गर्मी पड़ती है और उत्तर गोलार्द्ध में ठंड पड़ती है।

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