Oct 29, 2024
लेपर्ड जर्मनी का मेन बैटल टैंक है। जर्मनी की सेना में यह 1979 में शामिल हुआ। तब से यह सेवा में है।
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कई यूरोपीय देशों के अलावा कनाडा, चिली, इंडोनेशिया और सिंगापुर के पाय यह जर्मन टैंक है।
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यह बदलाव के दौर से गुजरा अभी जर्मन सेना लेपर्ड-2 का इस्तेमाल करती है।
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इस टैंक का इस्तेमाल कोसोवा युद्ध, अफगानिस्तान, रूस-यूक्रेन युद्ध में हो चुका है।
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इस टैंक का वजन 62.3 टन, लंबाई 9.97 मीटर, चौड़ाई 3.75 मीटर और ऊंचाई 3 मीटर है।
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लेपर्ड टैंक को चार लोग मिलकर चलाते हैं। इसमें एक 120 एमएम और दो 2.62 एमएम के बैरल वाली गन लगी होती है।
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इस टैंक की मारक क्षमता 340 किलोमीटर और रफ्तार 70 किलोमीटर प्रतिघंटा है।
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इसकी ईंधन की क्षमता 1,200 लीटर की है और इसका इंजन भी बहुत शक्तिशाली है।
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लेपर्ड में दो इंजन होते हैं और ये दोनों इंजन डीजल से चलते हैं।
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