Oct 15, 2023
गाजा पर इजरायल के जमीनी हमले में सेना की ओर से सबसे बड़ी भूमिका उसका टैंक मेर्कवा मार्क-5 निभाने जा रहा है। यह इजरायल का मुख्य बैटल टैंक है।
Credit: AP
इजरायल ने साल 1973 में इस टैंक को बनाया और परीक्षणों के बाद इसे 1979 में सेना में शामिल किया गया। मेर्कवा का चार वर्जन पहले ही आईडीएफ में शामिल हो चुके हैं।
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मेर्कवा मार्क-5 आधुनिक हथियारों एवं तकनीक से लैस है। 1982 के लेबनान युद्ध में मेर्कावा का खूब इस्तेमाल हुआ और इसने शानदार प्रदर्शन किया। मेर्कवा को बराक टैंक के नाम से भी जाना जाता है।
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आईडीएफ का यह टैंक कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) से लैस है। यह दुश्मन के हमला करने से पहले ही उन्हें ढूढ़कर तबाह कर देता है।
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इसे इस तरीके से तैयार किया गया है कि यह अपने आसपास के इलाके की निगरानी खुद कर लेता है।आस-पास के खतरों एवं भौगोलिक जानकारी प्रासेस कर टैंक के चालक दल तक पहुंचा देता है।
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इस टैंक में इजरायल की रक्षा कंपनियों की और से तैयार कई आधुनिक सिस्टम लगे हैं। मेर्कवा मार्क 5 अपने पहले के संस्करण मेर्कवा मार्क 4 का ही उन्नत रूप है।
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इसमें कटिंग एज, डिजिटल तकनीक लगी है और यह ज्यादा सुरक्षित है। इसका ऊपरी कवच ज्यादा मजबूत होने की वजह से यह दुश्मन के ग्रेनेड एवं ड्रोन हमलों को आसानी से झेल सकता है।
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ड्रोन एवं ग्रेनेड के हमलों से टैंक के चालक दल के सदस्य सुरक्षित रहते हैं। मेर्क टैंक में ड्राइवर, कमांडर, गनर और लोडर सहित चार लोग सवार होते हैं।
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टैंक में लगा एपीएस एंटी-टैंक मिसाइल, आरपीजी, रॉकेट एवं विस्फोटकों से सुरक्षा प्रदान करता है। यह 64 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से 500 किलोमीटर दूर जा सकता है।
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मेर्कवा मार्क 5 में हथियार भी मार्क 4 जैसे हथियार लगे हैं। इसके गन का बैरल 120 एमएम का है। यह 4,000 मीटर तक गोला दाग सकता है।
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