Apr 13, 2025
Credit: Meta AI
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थाईलैंड के राजाओं को राम कहे जाने की परंपरा कोई संयोग नहीं है बल्कि ये धार्मिक महत्व से जुड़ी हुई है।
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साल 1782 में थाईलैंड में चक्री वंश की स्थापना हुई थी। इसके पहले राजा पुत्थयोत्फा चालुलोक ने खुद को उपाधि के तौर पर 'फान दिन तोन' जोड़ा था जिसका मतलब 'आदि शासक' होता है।
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इस उपाधि को जारी रखने पर दूसरे राजा की उपाधि ‘मध्यम' और तीसरे शासक की उपाधि ‘अंतिम शासक' हो जाती।
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इसलिए थाईलैंड के चक्री राजवंश के छठे राजा वजिरावुध ने खुद को अंग्रेजी में 'राम सिक्स्थ' कहा था। और इसी के बाद थाई राजाओं की उपाधि के साथ अंक जोड़ने का चलन शुरू हुआ। था। वर्तमान में थाईलैंड के राजा की उपाधि ‘राम दशम' है।
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थाईलैंड में भी एक अयोध्या मौजूद है। इसे आज हम अयुत्थया के नाम से जानते हैं। यह शहर भारत और थाईलैंड के गहरे सांस्कृतिक संबंधों का भी प्रतीक है।
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अयुत्थया की स्थापना 1351 ईस्वी में हुई थी, जब इसे स्याम यानी प्राचीन थाईलैंड के शासकों की राजधानी बनाया गया था। इसका नाम संस्कृत शब्द अयोध्या से लिया गया है, जो वाल्मीकि रामायण में भगवान राम की राजधानी के रूप में वर्णित है।
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