Nov 25, 2024
नौसेना के बेड़े में युद्धपोत, एयरक्राफ्ट करियर, पनडुब्बी, फ्रिगेट और डिस्ट्रॉयर शामिल होते हैं।
Credit: Istock
फ्रिगेट और डिस्ट्रॉयर दिखने में एक जैसे होते हैं लेकिन दोनों का काम अलग है।
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डिस्ट्रॉयर और फ्रिगेट में सबसे बड़ा अंतर इनकी साइज को लेकर है।
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ड्रिस्ट्रॉयर की तुलना में फ्रिगेट का आकार छोटा होता है।
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फ्रिगेट का वजन सामान्य रूप से 1,500 टन से 4,000 टन के बीच होता है।
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वहीं गाइडेड मिसाइल से लैस डिस्ट्रॉयर का वजन 3,500 से 8000 टन का होता है।
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फ्रिगेट में डिस्टॉयर की तुलना में कम घातक हथियार लगे होते हैं।
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फ्रिगेट का मुख्य काम युद्धपोतों, पनडुब्बियों को सुरक्षा देने के लिए होता है।
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वहीं, डिस्टॉयर की तैनाती एंटी एयरक्रॉफ्ट, एंटी सबमरीन मिशन और युद्ध के लिए होती है।
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