Amit Mandal
Oct 31, 2023
सोवियत संघ ने 60 साल पहले 30 अक्तूबर को दुनिया का सबसे ताकतवर एटम बम का परीक्षण कर सबको हैरान कर दिया था।
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जापान के हिरोशिमा पर जो बम गिराया गया था, उसकी तुलना में इससे 3300 गुना ज्यादा ऊर्जा पैदा हुई थी।
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इस बम का नाम था जार बॉम्बा (Tsar Bomba)। इसका कोड नेम इवान है और आधिकारिक तौर पर इसको प्रोडक्ट 602 कहा जाता है।
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60 के दशक में सोवियत संघ के एटमी वैज्ञानिक आंद्रेई सखारेव ने इसे तैयार किया था। रूसी वैज्ञानिकों ने अमेरिका को जवाब देने के लिए इसे बनाया था।
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इसे रूस के बमों का किंग कहा जाता है। 27 टन वजनी, 8 मीटर लंबा और 2.6 मीटर चौड़े इस हाइड्रोजन बम की टेस्टिंग के बाद 5 मील चौड़ा आग का गोला उठा था।
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तब इसके गोले कई किलोमीटर दूर से भी देखे जा सकते थे। धुएं का गुबार 40 मीटर की ऊंचाई तक उठा था।
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इसका प्रभाव 100 किलोमीटर के इलाके पर हुआ था। इस बम की टेस्टिंग से नोवाया जेमलिया आइलैंड तबाह हो गया था।
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यह बम इतना बड़ा था कि रूस के किसी भी बमवर्षक विमान में फिट नहीं हो पाया था. इसके लिए टीयू-95 बमवर्षक में खास बदलाव किए गए थे।
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