Nov 10, 2024
दुनिया ने पिछले 20 साल में कई घातक मौसमी आपदाओं का सामना किया है जिसमें हजारों लोग मौत की नींद सो गए।
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बांग्लादेश में साल 2007 में आए चक्रवात सिद्र के चलते 10 लाख घर प्रभावित हुए थे। साथ ही 4200 से अधिक लोगों की मौत हुई थी।
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साल 2008 में म्यांमार में आए नरगिस चक्रवात ने भीषण तबाही मचाई थी जिसमें 1.38 लाख लोगों की मौत हुई थी और 5 लाख लोग बेघर हुए थे।
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साल 2010 में रूस के पश्चिमी हिस्से में भीषण गर्मी और जंगलों में लगी आग की वजह से कम से कम 55,000 लोगों की मौत हुई थी। इसकी वजह से फसल भी प्रभावित हुई थी।
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सोमालिया में साल 2011 में ऐसा सूखा पड़ा कि खाने और पीने की पानी की समस्या बढ़ गई और देखते ही देखते कुपोषण और बीमारियों की जद में आने से 2.5 लाख से ज्यादा की मौत हो गई।
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साल 2013 में फिलीपींस में आए टाइफून हैयान के चलते 7,300 से अधिक लोग मौत की नींद सो गए और तटीय इलाके तबाह हो गए थे।
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भारत के उत्तराखंड में साल 2013 में आई भीषण बाढ़ और भूस्खलन के चलते 6,000 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी।
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साल 2022 में यूरोपीय देशों में हीटवेव की वजह से 53,000 से अधिक मौतें हुईं, जबकि 2023 में 37,000 से अधिक लोगों ने अपनी जान गंवाई।
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