Jan 22, 2024
जानने की कोशिश करते हैं कि क्या है चीन की सफलता का राज जिसने इसे दुनिया में सबसे आगे खड़ा कर दिया है।
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1 अक्टूबर 1949 में आजाद हुआ चीन आज दुनिया का दूसरा सबसे ताकतवर देश है और हर क्षेत्र में अमेरिका को खुली चुनौती दे रहा है।
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चीन में माओत्से तुंग के बाद वहां आर्थिक क्रांति लाने का श्रेय डांग श्याओपिंग को दिया जाता है। श्याओपिंग ने 1978 में आर्थिक क्रांति की शुरुआत की थी।
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इस आर्थिक सुधार के बाद चीन का शुमार दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में हो गया। आज की तारीख में चीन के पास दुनिया में सबसे अधिक विदेशी मुद्रा भंडार (3.12 ख़रब डॉलर) है।
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1978 में जब डांग श्याओपिंग ने आर्थिक सुधारों को शुरू किया था तो चीन का दुनिया की अर्थव्यवस्था में हिस्सा महज 1.8 फ़ीसदी था जो 2017 में 18.2 फ़ीसदी हो गया।
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चीन को ताकतवर बनाने में तीन नेताओं का नाम लिया जाता है- माओत्से तुंग, डांग श्याओपिंग और शी जिनपिंग। श्याओपिंग की आर्थिक क्रांति के 40 सालों बाद चीन शी जिनपिंग की अगुवाई में फिर आगे बढ़ रहा है।
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चीन के उभार की कहानी एक नियंत्रित अर्थव्यवस्था से मुक्त और मार्केट अर्थव्यवस्था में बदलाव की है और यही उसकी सफलता का राज भी है।
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दुनिया के कई देशों ने चीन की तरह ही इस बदलाव को अपनाया, लेकिन इसमें बड़े पैमाने पर सफलता पाने में चीन ही कामयाब रहा।
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चीन ने घरेलू अर्थव्यवस्था में क्रमिक सुधार की प्रक्रिया शुरू की थी न कि बाजार के भरोसे छोड़ा। चीन ने अपनी अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए तय किया कि कहां विदेशी निवेश लगाना है और कहां नहीं।
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डांग श्याओपिंग ने सबसे पहले सोवियत आर्थिक मॉडल को त्याग दिया और फिर चीन की अर्थव्यवस्था में आधुनिकीकरण की प्रक्रिया को समाजवाद के साथ शुरू किया। इसका नतीजा आज दुनिया के सामने है।
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