Nov 27, 2024
बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के प्रमुख चेहरे और इस्कॉन मंदिर से जुड़े चिन्मय कृष्ण दास को गिरफ्तार करने के बाद जेल भेजने से हिंदू समुदाय गुस्से में है।
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मंगलवार, 26 नवंबर को चिन्मय दास को चटगांव के कोतवाली थाने में दर्ज देशद्रोह के मामले में कोर्ट में पेश किया गया था और जमानत भी नहीं दी गई।
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38 साल के चिन्मय दास की गिरफ्तारी के बाद हिंदू समुदाय के लोग राजधानी ढाका समेत बांग्लादेश के कई शहरों में लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
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चिन्मय कृष्ण दास ने हाल ही में बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों के विरोध में विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया था।
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'बांग्लादेश सनातन जागरण मंच' और 'बांग्लादेश सम्मिलित शंख लघु जोत' का विलय हुआ था। दोनों ने मिलकर 'बांग्लादेश सम्मिलित सनातन जागरण जोत' नाम का संगठन बनाया। चिन्मय कृष्ण दास को इस नए संगठन का प्रवक्ता बनाया गया था।
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चिन्मय दास इस्कॉन चटगांव के पुंडरीक धाम के अध्यक्ष भी हैं। वह बांग्लादेश में चटगांव के रहने वाले हैं। वह एक आश्रम भी चलाते हैं और हिंदू बच्चों को शिक्षा और अन्य सामाजिक सेवा के काम से भी जुड़े हैं।
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5 अगस्त यानी शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद चिन्मय कृष्ण दास चर्चा में आए थे। चिन्मय दास अगस्त से बांग्लादेश में हिंदुओं के अधिकार और उन पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ रैलियां करते रहे हैं।
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उन्होंने हाल ही में हिंदुओं पर हमलों के खिलाफ दो-तीन बड़ी रैलियां की थीं, जिसमें हजारों की संख्या में लोग इकट्ठा हुए थे। इससे वह नई सरकार के निशाने पर आ गए।
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इसे लेकर भारत ने बयान दिया, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इन घटनाओं के अपराधी अब भी खुलेआम घूम रहे हैं, लेकिन शांतिपूर्ण सभाओं के माध्यम से वैध मांगें उठाने वाले एक धार्मिक नेता के खिलाफ आरोप लगाए गए हैं।
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