भारतीयों का सोने के प्रति प्रेम किसी से छुपा नहीं है। निवेश के लिए सोना देश के शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में लोकप्रिय है।
लेकिन देशभर में ऐसे कई मामले सामने आते हैं, जहां ग्राहकों को सोने के दाम पर कम शुद्धता वाले सोने के गहने बेच देए जाते हैं।
अगर गोल्ड के गहनों पर हॉलमार्क है, तो इसका मतलब होता है कि उसकी शुद्धता प्रमाणित है।
अब भारत में ग्राहक सोने के गहने खरीदते समय धोखा नहीं खाएंगे क्योंकि हाल ही में देश में गोल्ड हॉलमार्किंग अनिवार्य की गई थी।
ग्राहकों को ज्वैलरी पर अंकित शुद्धता के अनुसार ही आभूषण दिए जाते हैं। देशभर में ग्राहकों को फायदा पहुंचाने के लिए हॉलमार्किंग अनिवार्य की गई थी।
गोल्ड ज्वैलरी पर भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) अपने मार्क के माध्यम से शुद्धता की गारंटी देता है
हॉलमार्किंग पहचानने के चार चिह्न होते हैं- BIS का मार्क, सोने का कैरेट, हॉलमार्किंग सेंटर की पहचान और ज्वैलर का कोड।
देश में ज्वैलर्स सिर्फ 14 कैरेट, 18 कैरेट और 22 कैरेट के सोने के गहने बेच सकते हैं।
24 कैरेट सोना सबसे शुद्ध सोना होता है। लेकिन इसके आभूषण नहीं बनते वो बहुत मुलायम हो जाता है।
इस स्टोरी को देखने के लिए थॅंक्स