Aug 4, 2022

रेपो रेट बढ़ने से आम आदमी पर क्या होता है असर?

Medha Chawla

आरबीआई की एमपीसी बैठक

अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के साथ महंगाई पर काबू पाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति समिति की बैठक करता है।

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एमपीसी की बैठक में क्या होता है?

MPC की बैठक तीन दिनों तक चलती है, जिसमें रेपो रेट के निर्णय के साथ अर्थव्यवस्था औ महंगाई के परिदृश्य को लेकर चर्चा होती है।

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रेपो रेट में बढ़ोतरी संभव

पिछले कुछ समय में अमेरिका सहित यूरोपीय यूनियन और हांगकांग जैसे कई देशों के केंद्रीय बैंकों ने ब्‍याज दरें बढ़ाई हैं। अनुमान है कि RBI भी रेपो रेट बढ़ा सकता है।

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रेपो रेट बढ़ने से क्या होता है?

Repo Rate बढ़ने का असर सीधा आम जनता पर पड़ता है क्योंकि इससे आपके होम और कार लोन जैसे कर्जों की EMI बढ़ जाती है।

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एफडी अकाउंट पर भी पड़ता है असर

रेपो रेट बढ़ने का असर सेविंग बैंक अकाउंट और फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) पर भी पड़ता है। बैंक इनपर मिलने वाला ब्याज बढ़ा सकते हैं।

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आपके काम की टिप

अगर आप खुद पर ईएमआई का बोझ नहीं बढ़ने देना चाहते तो आप पहले जितनी EMI रखकर लोन की अवधि आगे बढ़ा सकते हैं।

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सबके लिए अहम होती है आरबीआई की बैठक

बैंक रेपो रेट का बोझ ग्राहकों पर डालते हैं। ऐसे में एमपीसी बैठक सिर्फ बैंकों के लिए ही नहीं, बल्कि ग्राहकों के लिए भी जरूरी हो जाती है।

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क्या है रेपो रेट?

बैंक अपनी जरूरत के अनुसार आरबीआई से उधार ले सकते हैं। यह कर्ज उन्हें जिस ब्याज दर के साथ चुकाना होता है, उसे रेपो रेट कहा जाता है।

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क्या है रिवर्स रेपो रेट?

जब बैंक रकम को आरबीआई के पास जमा करते हैं, उसपर उन्हें ब्याज मिलता है। इस ब्याज दर को रिवर्स रेपो रेट कहा जाता है।

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