Mar 12, 2022
कोरोना वायरस महामारी ने दुनियाभर में 45 करोड़ 50 लाख से ज्यादा लोगों को अपनी चपेट में ले लिया। वहीं, 60 लाख से ज्यादा लोगों को लील लिया है। भारत में साढ़े चार करोड़ केस आ चुके हैं।
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भारत में कोरोना कुल तीन लहरें आई है। पांच लाख से अधिक लोगों की इस वैश्विक महामारी में मौत हो गई। हालांकि, अभी भी देश के करोड़ों लोगों को कोविड छू भी नहीं सका।
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इंपीरियल कॉलेज लंदन ने कहा कि कई लोगों में काफी ज्यादा मात्रा में टी सेल्स हैं। ये एक ऐसा सेल है जो कॉमन कॉल्ड कोरोना वायरस से डेवलप हुआ है। टी सेल ने कोरोना वायरस से सुरक्षा दी।
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सीएनबीसी से बीतचीत में डॉक्टर रिया कुंडु ने कहा, 'हमें लोगों में पहले से ही टी सेल्स मिले, ये दूसरे कोरोना वायरस जैसे कॉमन कोल्ड से विकसित हुए हैं। इन्हीं ने कोविड 19 महामारी से बचाए।'
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कोरोना वायरस के कई रूप होते हैं, इनमें से ज्यादातर का संबंध कॉमन कोल्ड से होता है। स्टडी के मुताबिक कोरोना का व्यवहार अलग-अलग होता है, लेकिन वह एक दूसरे से काफी मिलते-जुलते हैं।
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स्टडी के मुताबिक इम्यून सेल में कई समानताएं होती है, ऐसे में जैसे ही वायरस बॉडी में आता है तो उसे पहचानकर इससे लड़ने लड़ता है। इसी कारण अभी भी करोड़ों लोग कोविड से सुरक्षित हैं।
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हम जानते हैं कि जिन लोगों को कोरोना था लेकिन, लक्ष्ण नहीं थे, इनके कारण भी कोरोना फैला था। वहीं, नो कोविड लोग वे हैं जिनमें ये वायरस नहीं था।
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जेनेटिक फैक्टर भी एक अहम वजह है कि लोगों को कोविड हुआ या नहीं। स्टडी के मुताबिक जेनेटिक और इम्युन सिस्टम का रिश्ता है। कोविड 19 इससे समझने में अहम हैं।
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कोरोना वायरस के खिलाफ अभी भी सबसे मजबूत हथियार वैक्सीन ही है। वैक्सीन के कारण ही कोरोना का ऑमिक्रॉन वैरिएंट ने गंभीर रूप नहीं लिया है।
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