'क्रिकेट के भगवान' माने जाने वाले सचिन तेंदुलकर अपना 49वां जन्मदिन मना रहे हैं। क्रिकेट की पिच पर अपार सफलता हासिल करने वाले तेंदुलकर की बहुत इज्जत की जाती है। इस खास मौके पर उनके खास बयान बताएंगे, जिससे सीख मिलती है।
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टीम के स्टार खिलाड़ी होने के नाते तेंदुलकर से बहुत अपेक्षाएं होती थी। इस कारण उनकी काफी आलोचनाएं भी हुईं। आलोचकों को मास्टर ब्लास्टर ने जवाब दिया, 'लोग आप पर पत्थर फेंकते हैं और आप उन्हें मील के पत्थर में बदल देते हैं।'
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हर कोई सचिन नहीं हो सकता। कई लोगों ने मुश्किल समय में हिम्मत हारी। उनके लिए सचिन का पैगाम, 'सपने का पीछा करने के लिए नहीं रूकें क्योंकि सपने साकार होते हैं।'
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'इससे पहले कि आप क्रिकेट के मैदान पर नींव रखें, आपके दिल में एक ठोस नींव होनी चाहिए और आप उस पर निर्माण करना शुरू कर दें। उसके बाद, जैसे-जैसे आप अधिक से अधिक मैच खेलना शुरू करते हैं, आप सीखते हैं कि कैसे रन बनाना है और कैसे विकेट लेना है।'
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तेंदुलकर ने कहा था, 'अगर एक आदमी क्रिकेट में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहा है, तो हां जब चीजें गलत हो तो उसे गलत ठहराएं।' टीम गेम की अहमियत समझाई।
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'मैंने कभी तुलनाओं पर विश्वास नहीं किया। चाहे वो विभिन्न युग के बारे में हो, या फिर खिलाड़ी या कोच।'
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'अगर आप विनम्र रहेंगे तो लोग आपको संन्यास के बाद भी प्यार और इज्जत देंगे।'
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'इस तरह की दबाव स्थितियों से निपटने की कुंजी है खुद को स्थिर रखना, अपनी प्रवृत्ति का पालन करना और स्पष्ट रूप से सोचना।'
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'एक चैंपियन टीम को वापसी के लिए छोटी सी विंडो की जरूरत होती है, यह ऐसी चीज है जो मैंने सालों में सीखी है।'
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'मैं कई बार असफल हुआ, कई बार सफल हुआ, तो यह सही है। यह पैकेज डील है। यह उस पैकेज के साथ आती है: असफलता और सफलता।'
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