कर्नाटक का एतिहासिक शहर मैसूर भारतीय संस्कृति की समृद्ध विरासत को समेटे हैं। इसके अलावा देश-विदेश से आए कई पर्यटकों की पसंदीदा जगह है।
मैसूर में स्थित प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों की बात करें तो सबसे पहला नाम महाराजा पैलेस का आता है। ये भारत के सबसे बड़े महल में से एक है। इसमें कभी वुडेयार वंश के महाराज रहते थे।
मैसूर का दशहरा काफी प्रसिद्ध है। इस दौरान मैसूर पैलेस की शान भी देखते ही बनती है।
मैसूर से 13 किलोमीटर दक्षिण में स्थित चामुंडा पहाड़ी है। इस पहाड़ी की चोटी पर चामुंडेश्वरी मंदिर है। ये देवी दुर्गा को समर्पित है। मंदिर के मुख्य गर्भगृह में स्थापित देवी की प्रतिमा खरे सोने की बनी हुई है।
सोमनाथपुरा मैसूर के प्रमुख दर्शनीय और धार्मिक स्थलों में से एक है। यह पवित्र नदी कावेरी के तट पर स्थित है। यह एक वैष्णव हिंदू मंदिर है जो भगवान कृष्ण को समर्पित है।
मैसूर शहर से तीन किलोमीटर दूर सेंट फिलोमेना चर्च भारत के सबसे बड़े चर्चों में से एक है। चर्च की दीवारों पर ईसा मसीह के जन्म से लेकर पुनर्जन्म तक उनके जीवन की विभिन्न घटनाओं का दर्शाती हुई ग्लास पेंटिग्स लगी हैं।
मैसूर चिड़ियाघर दुनिया के सबसे पुराने चिड़ियाघरों में से एक है। इसमें 40 से भी ज्यादा देशों से लाए गए जानवरों को रखा गया है। इस चिड़ियाघर में शेर मुख्य आकर्षण हैं। इसके अलावा हाथी, सफेद मोर, दरियाई घोड़े, गैंडे और गोरिल्ला भी यहां देखे जा सकते हैं।
मैसूर से 12 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में कृष्ण राज सागर बांध स्थित है। बांध के पास एक छोटा-सा तालाब भी है जहां बोटिंग के जरिए बांध उत्तरी और दक्षिणी किनारों के बीच की दूरी तय की जाती है। बांध के उत्तरी कोने पर संगीतमय फव्वारे हैं।
जीआरएस फैंटेसी पार्क मैसूर का इकलौता अम्यूजमेंट वॉटर पार्क है। 30 एकड़ में फैले इस पार्क के मुख्य आकर्षण पानी के खेल, रोमांचक सवारी और बच्चों के लिए तालाब हैं।
रेल संग्रहालय का मुख्य आकर्षण चामुंडी गैलरी है जहां रेलवे विभाग के विकास को दर्शाती तस्वीरों का रखा गया है। यह संग्रहालय बच्चों का मनोरंजन करने के साथ-साथ उनके ज्ञान को भी बढ़ाता है।
बृंदावन गार्डन हर किसी को अपनी तरफ आकर्षित करता है। आप इस गार्डन में प्रवेश करेंगे तो प्रवेश द्वार के पास गुलाब के बागों और फूलों को देख कर हैरान रह जायेंगे।
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