दुनिया में जब कभी रम की चर्चा होती है तो 'बकार्डी' की चर्चा जरूर होती है। आप में से कई लोगों ने इसको चखा भी होगा। लेकिन, कभी सोचा है 'बकार्डी' के लोगो में आखिर चमगादड़ का इस्तेमला क्यों किया गया है? हो सकता है कई लोगों को इसके बारे में जानकारी हो। अगर नहीं जानते हैं तो आज जान लीजिए इसके पीछे का दिलचस्प कारण...
बकार्डी ब्रांड को आए तकरीबन 150 साल से ज्यादा का समय हो चुका है। कंपनी की स्थापना 1862 में Facundo Bacardi ने की थी।
क्यूबा में पहली डिस्टिलरी स्थापित किया गया था। लेकिन, यहां कुछ ऐसी घटना घटी, जिसने सबकुछ पूरी तरह से बदल दिया।
डिस्टिलरी में कुछ मेहमानों को बुलाया गया था। लेकिन, इसमें कुछ बिन बुलाए मेहमान भी आ गए थे। ये मेहमान ‘चमगादड़’ थे।
ऐसा कहा जाता है कि छत पर काफी चमगादड़ बैठे हुए थे। अचानक Facundo की पत्नी Amalia की नजर उन चमगादड़ों पर पड़ी।
उन्होंने किसी चमगादड़ को वहां से नहीं भगाया। कयास ये लगाया गया कि चमगादड़ शीरे की सुंगध पाकर यहां आए थे। लिहाजा, उन्होंने चमगादड़ को कंपनी का लोगो बनाने का फैसला किया। हालांकि, इसे पूर्ण रूप से सत्य नहीं माना जाता है।
इसके पीछे और कुछ भी कारण बताए गए। दरअसल, चमगादड़ गन्ने की फसलों को परागण करते हैं। साथ ही जो कींट फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं, उनका भी वो शिकार करता है।
लिहाजा, चमगादड़ को रम उद्योग का स्वभाविक मित्र भी माना जाता है। इसके अलावा लैटिन संस्कृति में चमगादड़ को अच्छे भविष्य का संकेत भी माना जाता है। यही सब कारण है जिससे चमगादड़ को बकार्डी का लोगो बनाने का फैसला किया गया।
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