चीख-पुकार और दर्द के बीच गुजर रही जिंदगी; युद्ध के 1000 दिन पूरे और पीछे हटने को कोई राजी नहीं

Russia-Ukraine War: यूक्रेन पर रूस के हमले की शुरुआत को गत 11 नवंबर को 1,000 दिन पूरे हो गए। यह दिन भी यूक्रेन में युद्ध हिंसा और लोगों की जीवन के लिए जद्दोजहद के बीच बीता। युद्ध के 1,000वें दिन एक बच्चे ने भी जन्म लिया, तो कुछ जवान मारे गए और उन्हें दफनाया गया। यूक्रेन के अंतरराष्ट्रीय तौर पर मान्यता प्राप्त क्षेत्र का करीब पांचवां हिस्सा अब रूस के कब्जे में है।

रूस यूक्रेन युद्ध

Russia-Ukraine War: यूक्रेन पर रूस के हमले की शुरुआत को गत 11 नवंबर को 1,000 दिन पूरे हो गए। यह दिन भी यूक्रेन में युद्ध हिंसा और लोगों की जीवन के लिए जद्दोजहद के बीच बीता। 'द एसोसिएटिड प्रेस' ने 24 फरवरी, 2022 को रूस द्वारा शुरू किए गए व्यापक हमलों के 1,000वें दिन पूरे यूरोप में 24 घंटे के जनजीवन में झांकने का प्रयास किया।

3 बच्चों सहित छह की मौत

दिन की शुरुआत रूस के दो बम हमलों से हुई। एक बम पनासेन्को के एक अपार्टमेंट पर गिरा और दूसरे बम हमले में माइकोलैव में एक महिला और उसके तीन बच्चों समेत छह लोग मारे गए। दिन आधा गुजरता, उससे पहले रूस के एक बैलिस्टिक मिसाइल हमले में क्रीवी रिह शहर में एक और अपार्टमेंट की इमारत क्षतिग्रस्त हो गई।

राख का ढेर बना नो मेन्स लैंड

युद्ध के 1,000वें दिन एक बच्चे ने भी जन्म लिया, तो कुछ जवान मारे गए और उन्हें दफनाया गया। यूक्रेन के अंतरराष्ट्रीय तौर पर मान्यता प्राप्त क्षेत्र का करीब पांचवां हिस्सा अब रूस के कब्जे में है। अदृश्य सीमा रेखाएं लगातार सिकुड़ती जा रही हैं। रूस और यूक्रेन के बलों के बीच 'नो मेन्स लैंड' (दोनों में से किसी का वैध अधिकार नहीं) में अब जीवन का कोई अंश नहीं बचा दिखाई देता। इन एक हजार दिन की त्रासदी में राख के ढेर बन गए घर, उखड़े पेड़ और गोलेबारी से बन गए गड्ढे दिखाई देते हैं।

End of Article
अनुराग गुप्ता author

टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल में बतौर सीनियर कॉपी एडिटर काम कर रहे हैं। खबरों की पड़ताल करना इनकी आदतों ...और देखें

Follow Us:
End Of Feed