ताइवान में आए भूकंप के झटकों से कांप गई चीन-जापान की धरती, 25 साल पहले भी मची थी भीषण तबाही
Taiwan Earthquake : भूकंप के कारण दक्षिणपूर्वी शहर हुलिएन के एक इलाके में स्थित पांच मंजिला इमारत बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हुई है। इसकी पहली मंजिल ढह गई है तथा शेष इमारत झुक गई है। है। ताइपे में पुरानी इमारतों और कुछ नए कार्यालय परिसरों में टाइल्स गिर गईं।
ताइवान में बुधवार सुबह आया भीषण भूकंप।
Taiwan Earthquake : ताइवान में बुधवार सुबह लोगों को जलजले का सामना करना पड़ा। रिक्टर स्केल पर आए 7.7 तीव्रता के भूकंप ने इमारतों को बुरी तरह से झकझोर दिया। इस प्राकृतिक आपदा में अब तक कम से कम सात लोगों की मौत हुई है जबकि 700 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। भूकंप की तीव्रता को देखते हुए जापान के दक्षिणी भाग में सुनामी की चेतावनी जारी की गई। हालांकि, समुद्र की लहरें कम ऊंची उठीं। ताइवान में हाल के वर्षों में 21 सितंबर 1999 को सबसे भीषण भूकंप आया था जिसकी तीव्रता 7.4 थी। इसमें 2400 लोगों की मौत हो गई थी, करीब एक लाख लोग जख्मी हो गए थे और हजारों इमारतें नष्ट हो गई थीं। राजधानी ताइपे की इमारतों के हिलने के वीडियो भी सामने आए हैं.
भूकंप के कारण दक्षिणपूर्वी शहर हुलिएन के एक इलाके में स्थित पांच मंजिला इमारत बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हुई है। इसकी पहली मंजिल ढह गई है तथा शेष इमारत झुक गई है। ताइपे में पुरानी इमारतों और कुछ नए कार्यालय परिसरों में टाइल्स गिर गईं। विद्यार्थियों को स्कूल से निकाल कर खेल के मैदान में ले जाया गया है और उन्हें हेलमेट पहनाए गए। कुछ बच्चे ऊपर से गिरती चीज़ों से बचाव के लिए अपने सिर को किताबों से ढकते दिखे।
राष्ट्रीय दमकल एजेंसी ने कहा कि हुलिएन काउंटी में चार लोगों की मौत हो गई। हालांकि दो घंटे बाद सुनामी का खतरा मोटे तौर पर टल गया है। पूरे द्वीप में ट्रेन सेवा को निलंबित कर दिया गया और ताइपे में ‘सबवे’ सेवा को भी अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया। द्वीपीय देश की आबादी 2.3 करोड़ है। राष्ट्रीय संसद भवन की दीवारों और छत को नुकसान पहुंचा है। यह भवन द्वितीय विश्व युद्ध से पहले बनाए गए स्कूल में है। पहाड़ी क्षेत्र में सुरंगों और राजमार्गों पर भूस्खलन और गिरते मलबे के कारण यातायात लगभग ठप हो गया।
भूकंप के तेज़ झटके आने के बावजूद लोगों में थोड़ी-बहुत ही दहशत रही, क्योंकि इस देश में अक्सर भूकंप के झटके आते रहे हैं। स्कूल ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए अभ्यास करते रहते हैं और लोगों को मीडिया तथा मोबाइल फोन के जरिए नोटिस जारी किए जाते हैं।
वहीं, जापान की मौसम विज्ञान एजेंसी ने कहा कि भूकंप के झटके के 15 मिनट बाद योनगुनी द्वीप पर 30 सेंटीमीटर (करीब एक फुट) ऊंची सुनामी की लहर देखी गई है। इशिगाकी और मियाको द्वीपों पर भी हल्की फुल्की लहरें देखी गईं। जापानी एजेंसी ने पहले कहा था कि सुनामी की वजह से समुद्र में तीन मीटर (9.8 फुट) तक ऊंची लहरें उठ सकती हैं, लेकिन बाद में उसने इस चेतावनी को घटाकर करीब एक फुट तक कर दिया।
जापान ने ओकिनावा क्षेत्र के आसपास सुनामी के प्रभाव को लेकर जानकारी जुटाने के लिए सैन्य विमान भेजे। ताइवान की भूकंप निगरानी एजेंसी ने बताया कि भूकंप की तीव्रता 7.2 थी जबकि अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के मुताबिक, भूकंप की तीव्रता 7.4 मापी गई है।
यह स्थानीय समयनुसार सुबह सात बजकर 58 मिनट पर आया और इसका केंद्र हुलिएन से दक्षिण दक्षिण-पश्चिम में जमीन से करीब 35 किलोमीटर नीचे था। अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के मुताबिक, भूकंप के बाद के एक झटके की तीव्रता 6.5 थी और इसका केंद्र 11.8 किलोमीटर की गहराई में था।चीन के मीडिया के मुताबिक, भूकंप के झटके शंघाई और चीन के दक्षिण पूर्वी तट से सटे कई प्रांतों में महसूस किए गए। चीन ने अपनी मुख्य भूमि के लिए सुनामी की कोई चेतावनी जारी नहीं की।
जापान के मुख्य कैबिनेट सचिव योशिमासा हयाशी ने कहा कि जापान में जान-माल के नुकसान की कोई सूचना नहीं है। प्रशांत सुनामी चेतावनी केंद्र ने कहा कि हवाई या अमेरिकी प्रशांत क्षेत्र गुआम में सुनामी का कोई खतरा नहीं है। भूकंप के तीन घंटे बाद उसने कहा कि सभी इलाकों में सुनामी का खतरा मोटे तौर पर टल गया है और लहरें उठने की सूचना सिर्फ ताइवान तथा दक्षिण जापान से ही मिल रही है। फिलिपीन में उत्तरी तट के पास रहने वाले लोगों को ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जाने को कहा गया है लेकिन भूकंप के तीन घंटे बाद भी सुनामी की ऊंची लहरों की सूचना नहीं है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)
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