कतर ने दिया भारत को झटका, जेल में बंद 8 पूर्व नौसेना अफसरों को सुनाई मौत की सजा
एक साल से जेल में बंद 8 पूर्व नौसेना अफसरों को कतर ने मौत की सजा सुनाई है। इसे लेकर भारत आगे की अपील करेगा।
पूर्व नेवी अफसरों को कतर में मौत की सजा (प्रतीकात्मक तस्वीर)
Qatar: पिछले साल से जेल में बंद भारतीय नौसेना के 8 पूर्व अफसरों को कतर ने मौत की सजा सुनाई है। भारत ने इसका विरोध जताते हुए इसके खिलाफ अपील करने का फैसला किया है। पूर्व नौसेना अधिकारी जिन्हें पिछले साल अगस्त में इजराइल के लिए जासूसी करने के अघोषित आरोप में गिरफ्तार किया गया था। ये इतालवी छोटी स्टील्थ पनडुब्बियों U2I2 की देखरेख के लिए एक कतरी फर्म के साथ काम कर रहे थे।
विदेश मंत्रालय का दबाव काम नहीं आया
इनके परिवारजन इनकी रिहाई और स्वदेश वापसी के लिए भारत सरकार से लगातार मदद मांग रहे थे। विदेश मंत्रालय ने भी कहा था कि इस मामले को प्राथमिकता के आधार पर निपटाया जा रहा है, लेकिन इसमें कोई सफलता हासिल नहीं हुई। इससे कतर पर राजनयिक दबाव डालने की सरकार की क्षमता पर सवाल उठने लगे हैं। यह सब तब हो रहा है जब कतर के साथ भारत के मजबूत संबंध बताए जाते हैं।
ये 8 पूर्व अधिकारी हिरासत में
पूर्व अधिकारियों में कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर अमित नागपाल, कमांडर पुरेनेंदु तिवारी, कमांडर सुगुनकर पाकला, कमांडर संजीव गुप्ता, और नाविक रागेश को कतर की खुफिया एजेंसी ने 30 अगस्त 2022 को दोहा से हिरासत में लिया था। आठ बार उनकी जमानत याचिका खारिज हो चुकी थी। कोई आरोप तय किए बिना ही ये सभी हिरासत में थे। शुरुआत में ही विदेश मंत्रालय ने इनके परिवारों से कहा था कि कतर ने इन पर लगे आरोप के बारे में सूचित नहीं किया है।
प्रमुख पदों पर किया काम हिरासत में लिए गए कुछ अधिकारियों ने युद्धपोतों पर प्रमुख पदों पर काम किया है और अपने काम के लिए उन्हें पहचान भी मिली है। उदाहरण के लिए कैप्टन गिल ने एक कैडेट के रूप में स्वॉर्ड ऑफ ऑनर हासिल किया है और भारत के सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले युद्धपोत आईएनएस विराट के लिए नेविगेशन अधिकारी रह चुके हैं। 2002 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने वाले कैप्टन तिवारी को कतर के साथ भारत के संबंधों को आगे बढ़ाने और विदेशों में देश की छवि को बढ़ाने के लिए 2019 में प्रवासी भारतीयों के लिए देश के सर्वोच्च सम्मान प्रवासी भारतीय सम्मान से नवाजा गया था। कतर नौसेना को प्रशिक्षण देते थे।
करीब 150 अधिकारी हुए थे नियुक्त
इन अधिकारियों ने डाहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज एंड कंसल्टिंग सर्विसेज के लिए काम किया है। इसकी वेबसाइट बंद किए जाने से पहले इसमें लिखा हुआ था कि कंपनी कतर नौसेना को प्रशिक्षण प्रदान करती है। कंपनी ने कथित तौर पर पिछले साल दिसंबर तक 150 से अधिक पूर्व भारतीय नौसैनिकों को नियुक्त किया था। इसके मुख्य कार्यकारी अधिकारी, ओमानी वायु सेना के एक सेवानिवृत्त अधिकारी खमीस अल अजमी को भी कुछ समय के लिए हिरासत में लिया गया था।
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अमित कुमार मंडल author
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