9/11: अपनी जान देकर बचाई कई लोगों की जान, हाईजैकर्स से निहत्थे भिड़ गए थे फ्लाइट संख्या 93 के यात्री

9/11 Attack : फ्लाइट संख्या 93 पेन्सिलवेनिया के नजदीक सान्कसविले के एक खेत में क्रैश हो गया। बताया जाता है कि इस विमान का टारगेट वाशिंगटन डीसी था लेकिन इस विमान के यात्रियों ने दिलेरी दिखाते हुए आतंकियों के मंसूबों को पूरा नहीं होने दिया। जिस जगह यह विमान क्रैश हुआ वहां से वाशिंगटन डीसी की दूरी महज 20 मिनट की थी।

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2001 में अमेरिका में हुआ सबसे बड़ा आतंकवादी हमला।

मुख्य बातें
  • 2001 में अमेरिका की धरती पर हुआ सबसे बड़ा आतंकवादी हमला
  • अलकायदा के आतंकियों ने चार विमानों को हाईजैक कर लिया था
  • तीन विमान अपने टारगेट से टकराए, चौथा विमान खेत में क्रैश हुआ

9/11 Attack : आज से 23 साल पहले अमेरिका में बहुत बड़ आतंकवादी हमला हुआ। अलकायदा के आतंकियों ने चार यात्री विमानों को हाईजैक किया और दो विमानों को उन्होंने न्यूयॉर्क के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के दोनों टावरों से टकराया जबकि एक विमान पेंटागन की इमारत से टकराया और चौथा विमान एक खेत में क्रैश हुआ। इन हमलों में करीब 3000 लोगों की मौत हुई। अमेरिका की धरती पर यह सबसे बड़ा आतंकवादी हमला था। करीब 40 से 45 मिनट के अंदर सभी विमान हाईजैक हुए। इस घटना ने अमेरिका की सुरक्षा में एक बहुत बड़ी चूक उजागर की। हाईजैक चार विमानों के सभी यात्री, चालक दल के सदस्य और उनमें सवार आतंकवादी सभी मारे गए।

नेवार्क से सैन फ्रांसिस्को आ रही थी

आतंकवादियों के आगे तीन अपहृत विमानों के यात्री तो कुछ कर नहीं पाए लेकिन अमेरिकी एयरलाइन की फ्लाइट संख्या 93 जो कि नेवार्क इंटरनेशनल एयरपोर्ट से सैन फ्रांसिस्को के लिए उड़ान भरी थी, इसके यात्रियों को तीन विमानों के बारे में पता चल गया था, इन्होंने तय किया कि ये आतंकियों से लड़ेंगे। इसके लिए इन्होंने वोट किया। फिर ये उनसे भिड़ने के लिए तैयार हो गए। इस विमान में 37 यात्री, चालक दल के सात सदस्य और चार हाईजैकर्स सवार थे।

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हाईजैकर्स से निहत्थे भिड़ गए यात्री

इस विमान में सवार यात्रियों ने अपनी जान की परवाह नहीं की। इन्होंने तय कर लिया कि मरना है तो मरना है लेकिन जान ऐसे नहीं देनी हैं। आतंकवादियों से लड़कर और जूझकर मरना है। विमान के हाईजैक होने के बाद इस फ्लाइट संख्या 93 के यात्रियों ने जो सूझबूझ, समझदारी दिखाई वह काबिलेतारीफ है। ये निहत्थे थे इनके पास कोई हथियार नहीं था, फिर भी आतंकियों से प्लेन छुड़ाने के लिए ये उनसे भिड़ गए, उनके पास केवल हौसला और जज्बा था।

प्लेन को खेत में क्रैश करा दिया

कॉकपिट में आतंकियों के साथ हाथापाई और मारपीट में इन्होंने करीब-करीब उन पर काबू पा लिया था। इस दौरान प्लेन आसमान में कभी धरती की तरफ तो कभी ऊपर आसमान की तरफ बढ़ता रहा। विमान गोता लगाता रहा। यह सिलसिला काफी समय तक चला लेकिन अंत में आतंकियों ने जब देखा कि वे हार जाएंगे और प्लेन का नियंत्रण उनके हाथ से निकल जाएगा तो उन्होंने प्लेन को क्रैश करा दिया। इस हादसे में प्लेन में सवार लोगों की मौत तो हो गई लेकिन उन्होंने अपनी जान देकर बहुत सारे लोगों के जीवन को बचा लिया।

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वाशिंगटन डीसी था टारगेट

फ्लाइट संख्या 93 पेन्सिलवेनिया के नजदीक सान्कसविले के एक खेत में क्रैश हो गया। बताया जाता है कि इस विमान का टारगेट वाशिंगटन डीसी था लेकिन इस विमान के यात्रियों ने दिलेरी दिखाते हुए आतंकियों के मंसूबों को पूरा नहीं होने दिया। जिस जगह यह विमान क्रैश हुआ वहां से वाशिंगटन डीसी की दूरी महज 20 मिनट की थी। मान लीजिए यह विमान वाशिंगटन डीसी से टकरा जाता तो क्या होता? बड़ी संख्या में लोगों की जान जाती। 9/11 के हमले में अमेरिकी गुरूर के प्रतीक वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के दोनों टावर ध्वस्त हो गए। यहीं सबसे ज्यादा लोगों की जान गई। वर्ल्ड ट्रेड टावर के गिरने से उठा गुबार कई दिनों तक हवा में तैरता रहा। लेकिन इन हमलों के बाद आतंकवाद के खिलाफ अमेरिका ने जिस तरह से तैयारी की और सुरक्षा बंदोबस्त किए कि इसके बाद इस तरह का भीषण और जानलेवा हमला नहीं हो पाया।

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आलोक कुमार राव author

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