हिटलर की सहयोगी नाजी महिला, जो जंग में गई थी बच; अब 10000 यहूदियों को मारने के लिए पाएगी सजा, दोष सिद्ध
हिटलर जब जर्मनी का शासक बना तो उसने यहूदियों को निशाने पर ले लिया। उनके साथ अत्याचार का ऐसा सिलसिला शुरू हुआ कि 60 लाख यहूदियों को जान गंवानी पड़ गई। इन्हें सुनयोजित तरीके से मौत के घाट उतार दिया गया। हिटलर ने तो द्वितीय विश्वयुद्ध के समय खुद को मार लिया था, लेकिन उसके कई सहयोगी बच गए थे।
हिटलर के समय में लाखों यहूदियों को मार दिया गया था (फाइल फोटो- एपी)
द्वितीय विश्वयुद्ध के समय यहूदियों के साथ जो अत्याचार हुआ था, उसमें शामिल एक नाजी महिला को जर्मनी की एक अदालत ने युद्ध अपराधों का दोषी पाया है। यह महिला हिटलर की सहयोगी थी, उस दौरान 10 हजार से ज्यादा यहूदियों की मौत की जानकारी इसे थी। इन यहूदियों को एक गैस के चेंबर में डालकर मार दिया गया था।संबंधित खबरें
कौन है ये महिलासंबंधित खबरें
इस नाजी महिला का नाम इर्मगार्ड फर्चनर है। वो नाजी कंसंट्रेशन कैंप की सचिव के रूप में काम कर चुकी है। आज की तारीख में महिला की उम्र 97 साल है। इस महिला को 10,505 लोगों की हत्या में सहायता करने और पांच लोगों की हत्या के प्रयास के लिए दो साल की सजा सुनाई गई थी। संबंधित खबरें
यहां करती थी कामसंबंधित खबरें
इर्मगार्ड फर्चनर 1943 से 1945 में नाजी शासन के अंत तक हिटलर के कब्जे वाले पोलैंड में ग्दान्स्क के पास बने स्टुट्थोफ शिविर में एक टाइपिस्ट की नौकरी करती थी। इस कैंप में यहूदियों को मारा जाता था। इन लोगों के डेथ सर्टिफिकेट पर यही महिला मुहर लगाती थी। फर्चनर का काम तो असैन्य था, लेकिन यहूदियों की मौतों में इसकी संलिप्ता थी, यही कारण है कि कोर्ट ने इसे नाजी अपराधों का दोषी पाया है।संबंधित खबरें
कब पकड़ी गई
इर्मगार्ड नाजी शासन के खत्म होते ही गिरफ्तार कर ली गई थी। हालांकि तब उसकी उम्र कब थी और वो जर्मनी के कानून के हिसाब से नाबालिग की श्रेणी में आती थी, इसलिए उसे जुवेनाइल कानून के तहत रखा गया था। इस मामले की ट्रायल 2021 में शुरू हुई थी। इर्मगार्ड एक बार भाग भी चुकी है, लेकिन बाद में पुलिस ने उसे पकड़ लिया था।संबंधित खबरें
खुद स्वीकारी गलतीसंबंधित खबरें
इस महीने की शुरुआत में, फर्चनर ने अदालत में अपना अंतिम बयान दर्ज कराया था। उस बयान में उसने अपनी गलती स्वीकार कर ली थी। उसने कहा कि जो कुछ हुआ, उसके लिए उसे खेद है। उसे इस बात का भी दुख है कि वो उस समय शिविर में थी जब उन्हें मारा जा रहा था।संबंधित खबरें
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