Kuwait Fire: दुखद! अधूरी रह गई बेटी को 'मोबाइल' देने की ख्वाहिश, कुवैत अग्निकांड में पिता की मौत
Kuwait fire An Indian's Wish: कुवैत अग्निकांड में 45 भारतीयों की मौत हो गई है, वहीं मृतकों में शामिल एक शख्स ने अपनी बेटी को मोबाइल देने का वादा किया था पर ये ख्वाहिश अधूरी ही रह गई।
कुवैत अग्निकांड हादसे की एक मार्मिक तस्वीर भी सामने आई है
Kuwait fire An Indian's Wish: कुवैत अग्निकांड में मारे गए अब लोगों में से अब तक 45 भारतीय नागरिकों के शवों की पहचान हो पाई है। लाशों को भारत लाने के लिए वायुसेना के विमान कुवैत पहुंच चुके हैं। विदेश राज्यमंत्री भी कुवैत में ही है वहीं इस हादसे की एक मार्मिक तस्वीर भी सामने आई है, इस अग्निकांड में मारे गए लुकोस नाम के एक शख्स ने 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा में अच्छे अंक लाने वाली अपनी बड़ी बेटी के लिए मोबाइल फोन खरीदा था और अगले महीने बेंगलुरु में नर्सिंग पाठ्यक्रम में दाखिले की व्यवस्था के लिए जब वह घर आने वाले थे तब उसे अपने साथ लाने वाले थे।
हालांकि बुधवार को उनके परिवार के पास अपुष्ट खबरें पहुंचीं कि कुवैत में जिस इमारत में वह रह रहे थे, उसमें आग लग गई है व इस हादसे में 49 लोगों की मौत हो गई जबकि कई अन्य घायल हैं, लुकोस के एक रिश्तेदार ने बृहस्पतिवार को एक टीवी चैनल को बताया कि उनके दोस्तों ने फोन करके घटना के बारे में बताया।
लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया...
उन्होंने कहा, 'दोस्तों ने हमें बताया कि आग लगने की घटना तड़के करीब चार बजे के आसपास हुई थी और उस समय लुकोस ने वहां के एक गिरजाघर के पादरी को फोन किया था। लुकोस ने थोड़ी देर पादरी से बात की और फिर कॉल कट गई। जब हमने पलटकर उन्हें कॉल की तो 'रिंग' जा रही थी, लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया।' रिश्तेदार ने बताया कि उस समय सभी को लगा कि वह जीवित है।
उन्होंने बताया कि बाद में, उनके मित्रों और गिरजाघर के सदस्यों ने उस इमारत में जहां लुकोस रह रहे थे और पास के अस्पतालों में पूछताछ की तो पता चला कि आग में फंसे लोगों में वह भी शामिल हैं।रिश्तेदार ने कहा, 'लेकिन उसकी मौत की पुष्टि नहीं हुई। फिर शाम को उसके दोस्त और गिरजाघर के सदस्य पूछताछ के लिए पुलिस के पास गए और तब उसकी मौत की पुष्टि हुई।'
'बड़ी बेटी ने 12वीं कक्षा में अच्छे अंक प्राप्त किए थे,इसलिए उसके लिए एक फोन खरीदा'
रिश्तेदार ने बताया कि पिछले 18 वर्षों से कुवैत में काम कर रहे लुकोस के परिवार में 93 साल के पिता, 88 साल की मां पत्नी और दो बेटियां हैं। रिश्तेदार ने बताया, 'उसकी बड़ी बेटी ने 12वीं कक्षा में अच्छे अंक प्राप्त किए थे। इसलिए उन्होंने उसके लिए एक फोन खरीदा। अगले महीने जब वह आने वाले थे तो फोन साथ लाने वाले थे। वह बेटी को नर्सिंग पाठ्यक्रम में दाखिला दिलाने के लिए बेंगलुरु भी ले जाने वाले थे।'
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रवि वैश्य author
मैं 'Times Now नवभारत' Digital में Assistant Editor के रूप में सेवाएं दे रहा हूं, 'न्यूज़ की दुनिया' या कहें 'खबरों के संसार' में काम करते हुए करीब...और देखें
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