2 साल 2 महीने बाद भारत में अमेरिकी राजदूत की नियुक्ति, जानिए कौन हैं एरिक गार्सेटी
राष्ट्रपति बाइडन का मानना है कि अमेरिका की भारत के साथ एक महत्वपूर्ण साझेदारी है और गार्सेटी एक मजबूत और प्रभावी राजदूत साबित होंगे।
भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी की नियुक्ति
भारत-अमेरिका साझेदारी बेहद अहम
राष्ट्रपति बाइडन का मानना है कि अमेरिका की भारत के साथ एक महत्वपूर्ण साझेदारी है और गार्सेटी एक मजबूत और प्रभावी राजदूत साबित होंगे। प्रमुख उप प्रेस सचिव ओलिविया डाल्टन ने बताया कि राष्ट्रपति ने मेयर गार्सेटी के नाम की पुष्टि करने के लिए अध्यक्ष मेनेंडेज और सीनेटरों को धन्यवाद दिया।
भारत और अमेरिका के बीच एक मजबूत संबंध है और यह महान रणनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक महत्व का है। सीनेट इंडिया कॉकस के सह-अध्यक्ष सीनेटर मार्क वार्नर ने कहा कि साझा मूल्यों पर स्थापित, बढ़ते आर्थिक और व्यापार संबंधों को अमेरिका में भारतीय प्रवासियों द्वारा मजबूत किया गया है। यह साझेदारी भविष्य के लिए महत्वपूर्ण है। वार्नर ने कहा कि सीनेट इंडिया कॉकस के सह-अध्यक्ष के रूप में मुझे खुशी है कि आखिर नई दिल्ली में सीनेट द्वारा अधिकृत राजदूत होगा।
पिछले हफ्ते सीनेट की विदेश संबंध समिति ने उनके नामांकन के पक्ष में 13-8 वोट दिए थे। पिछली कांग्रेस के दौरान एक वोट के लिए उनका नामांकन सीनेट में नहीं लाया गया था क्योंकि सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक पार्टी के पास बाइडन के करीबी सहयोगी की नियुक्ति के लिए पर्याप्त समर्थन नहीं था। कुछ सांसदों की चिंताओं के बीच राष्ट्रपति बाइडन के पहले दो वर्षों में सीनेट द्वारा गार्सेटी की पुष्टि नहीं की गई थी।
कौन हैं एरिक गार्सेटी
गार्सेटी सैन फर्नांडो घाटी में पले बढ़े हैं। उन्होंने बीए और एमए की पढ़ाई कोलंबिया विश्वविद्यालय से की है। वह ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में रोड्स स्कॉलर थे और लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में भी पढ़े हैं। गार्सेटी सेना में भी सेवा दे चुके हैं। उन्होंने 12 साल तक यूनाइटेड स्टेट्स नेवी रिजर्व में एक अधिकारी के रूप में काम किया है। जुलाई 2013 से दिसंबर 2022 तक वह लॉस एंजिल्स के 42वें मेयर थे। वह अमेरिका के सबसे बड़े शहर के पहले यहूदी मेयर भी रहे।
गार्सेटी सिटी काउंसिल के अध्यक्ष के रूप में चार बार (2006-2012) चुने जा चुके हैं। एरिक गार्सेटी को बाइडन ने पिछले साल भी भारत के राजदूत के रूप में नामित किया था, लेकिन उनके नाम पर पेंच फंस गया था। दरअसल, आंतरिक जांच के दौरान गार्सेटी के नाम पर रोक लगा दी गई थी। मेयर कार्यालय के दौरान एरिक गार्सेटी पर एक महिला के यौन उत्पीड़न का आरोप लगा था।
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