भारत के बाद अब इन 3 देशों ने चीन के नए नक्शे को किया खारिज, बताया आधारहीन
चीन ने सोमवार को दक्षिण चीन सागर के लगभग 90% हिस्से को कवर करने वाली अपनी मशहूर यू-आकार की रेखा का नक्शा जारी किया, जो दुनिया के सबसे विवादित जलमार्गों में से एक है।
चीन का नया नक्शा
China New Map: नक्शा बदलने की चीन की चालबाजी का भारत ही नहीं कई और देशों ने भी विरोध किया है। फिलीपींस, मलेशिया, ताइवान और वियतनाम ने चीन द्वारा जारी किए गए नक्शे को आधारहीन बताते हुए खारिज कर दिया है। इसमें चीन ने दक्षिण चीन सागर सहित कई इलाकों में अपना दावा ठोका है। बीजिंग ने गुरुवार को कहा कि इसे तर्कसंगत और निष्पक्ष रूप से देखा जाना चाहिए। चीन ने सोमवार को दक्षिण चीन सागर के लगभग 90% हिस्से को कवर करने वाली अपनी मशहूर यू-आकार की रेखा का नक्शा जारी किया, जो दुनिया के सबसे विवादित जलमार्गों में से एक है। यहां से हर साल 3 ट्रिलियन डॉलर से अधिक का व्यापार होता है।संबंधित खबरें
फिलीपींस-मलेशिया ने जताया विरोध
फिलीपींस ने गुरुवार को चीन से अंतरराष्ट्रीय कानून और 2016 के एक मध्यस्थ फैसले के तहत जिम्मेदारी से कार्य करने और अपने दायित्वों का पालन करने की अपील की। वहीं, मलेशिया ने कहा कि उसने मानचित्र पर राजनयिक विरोध दर्ज कराया है। चीन का कहना है कि यह रेखा उसके ऐतिहासिक मानचित्रों पर आधारित है। चीन की यू-आकार की रेखा उसके हैनान द्वीप के दक्षिण में 1,500 किमी (932 मील) तक घूमती है और वियतनाम, फिलीपींस, मलेशिया, ब्रुनेई और इंडोनेशिया के विशेष आर्थिक क्षेत्रों (ईईजेड) का अतिक्रमण करती है।संबंधित खबरें
दक्षिण चीन सागर पर विवाद
फिलीपीन विदेश मंत्रालय ने कहा कि फिलीपीन सुविधाओं और समुद्री क्षेत्रों पर चीन की कथित संप्रभुता और अधिकार क्षेत्र को वैध बनाने के इस नई कोशिश का अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत कोई आधार नहीं है। मलेशिया ने एक बयान में कहा कि नया नक्शा मलेशिया पर कोई बाध्यकारी अधिकार नहीं रखता है। यह दक्षिण चीन सागर को एक जटिल और संवेदनशील मामले के रूप में भी देखता है। यह मानचित्र चीन द्वारा 2009 में संयुक्त राष्ट्र में दक्षिण चीन सागर पर रखे संस्करण से अलग था जिसमें इसकी तथाकथित नाइन-डैश लाइन भी शामिल थी।संबंधित खबरें
ताइवान ने भी किया विरोध
नया नक्शा एक व्यापक भौगोलिक क्षेत्र का था और इसमें 10 डैश वाली एक रेखा थी जिसमें चीन के 1948 के मानचित्र की तरह ही लोकतांत्रिक रूप से शासित ताइवान शामिल था। चीन ने 2013 में 10वें डैश के साथ एक नक्शा भी प्रकाशित किया था। नए नक्शे के बारे में पूछे जाने पर ताइवान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जेफ लियू ने कहा कि ताइवान बिल्कुल भी पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना का हिस्सा नहीं है। कोई फर्क नहीं पड़ता कि चीनी सरकार ताइवान की संप्रभुता पर अपनी स्थिति को कैसे देखती है, यह हमारे देश के अस्तित्व के उद्देश्यपूर्ण तथ्य को नहीं बदल सकती है।संबंधित खबरें
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अमित कुमार मंडल author
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