नवाज शरीफ ने की भारत से संबंध सुधारने की पहल, जयशंकर की पाकिस्तान यात्रा के बाद बदले सुर

दिसंबर 2015 में प्रधानमंत्री मोदी की लाहौर की अचानक यात्रा की सराहना करते हुए शरीफ ने कहा कि वह दोनों देशों के बीच संबंधों में लंबे समय से जारी ठहराव से खुश नहीं हैं और उम्मीद जताई कि दोनों पक्षों को सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ना चाहिए।

नवाज शरीफ

Nawaz Sharif On relations with India: विदेश मंत्री एस जयशंकर की पाकिस्तान यात्रा के बाद पाकिस्तानी नेताओं के सुर बदलने लगे हैं। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने भारत से संबंध सुधारने के लिए की पहल की है। नवाज शरीफ ने कहा कि भारत और पाकिस्तान को अतीत को भूलकर अच्छे पड़ोसियों की तरह रहना चाहिए। शरीफ की इस टिप्पणी को विदेश मंत्री एस जयशंकर की इस सप्ताह इस्लामाबाद यात्रा के बाद भारत से रिश्तों को सुधारने की पहल के रूप में देखा जा रहा है। भारतीय पत्रकारों के एक समूह के साथ बातचीत में तीन बार प्रधानमंत्री रह चुके और सत्तारूढ़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एन) के अध्यक्ष ने जयशंकर की यात्रा को अच्छी शुरुआत बताया और उम्मीद जताई कि दोनों पक्ष सकारात्मक रुख के साथ आगे बढ़ेंगे।

2015 में प्रधानमंत्री मोदी की लाहौर यात्रा को किया याद

दिसंबर 2015 में प्रधानमंत्री मोदी की लाहौर की अचानक यात्रा की सराहना करते हुए शरीफ ने कहा कि वह दोनों देशों के बीच संबंधों में लंबे समय से जारी ठहराव से खुश नहीं हैं और उम्मीद जताई कि दोनों पक्षों को सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ना चाहिए। नवाज (74) ने कहा, हम अपने पड़ोसियों को नहीं बदल सकते, न ही पाकिस्तान और न ही भारत। हमें अच्छे पड़ोसियों की तरह रहना चाहिए। जब उनसे पूछा गया कि क्या दोनों देशों के बीच सेतु बनाने की आवश्यकता है, तो उन्होंने कहा, मैं यही भूमिका निभाने का प्रयास कर रहा हूं।

9 साल में विदेश मंत्री का पहला पाकिस्तान दौरा

जयशंकर शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सम्मेलन में भाग लेने के लिए करीब 24 घंटे की यात्रा पर इस्लामाबाद पहुंचे। दोनों देशों के संबंधों में जारी तनाव के बीच पिछले नौ वर्षों में भारत के विदेश मंत्री का पाकिस्तान का यह पहला दौरा था। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के बड़े भाई नवाज ने कहा, चीजें इसी तरह आगे बढ़नी चाहिए। हम चाहते थे कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आएं, लेकिन यह अच्छा हुआ कि भारतीय विदेश मंत्री आए। मैंने पहले भी कहा है कि हमें अपनी बातचीत के क्रम को आगे बढ़ाना चाहिए। उन्होंने कहा, हमने 70 साल इसी तरह (लड़ाई करते हुए) बिताए हैं और हमें इसे अगले 70 सालों तक नहीं चलने देना चाहिए...हमने (पीएमएल-एन की सरकारों ने) इस रिश्ते को चलने देने के लिए कड़ी मेहनत की है। दोनों पक्षों को बैठकर चर्चा करनी चाहिए कि आगे कैसे बढ़ना है।

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