UNSC की स्थायी सदस्यता के और करीब आया भारत, अमेरिका, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन का मिला साथ लेकिन एक देश दीवार

India Bid for UNSC Permanent seat: मैक्रों की यह टिप्पणी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा रविवार को ‘भविष्य के शिखर सम्मेलन’ को संबोधित करने के कुछ दिन बाद आई है, जिसमें उन्होंने इस बात पर जोर दिया था कि वैश्विक शांति और विकास के लिए संस्थानों में सुधार आवश्यक हैं। उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि सुधार प्रासंगिकता की कुंजी है।

Britaiin

ब्रिटेन के पीएम ने कहा-यूएनएससी में भारत को बनाया जाए स्थायी सदस्य।

India Bid for UNSC Permanent seat: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत की स्थायी सदस्यता का दावा पहले से ज्यादा और मजबूत हो गया है। अमेरिका और फ्रांस के बाद अब ब्रिटेन ने भी भारत की मांग का खुलकर समर्थन किया है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री स्टार्मर ने कहा है कि वह भारत, ब्राजील, जापान और जर्मनी को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य के रूप में देखना चाहते हैं। इसके अलावा नामित सदस्यों की संख्या भी बढ़ाई जानी चाहिए। भारत को स्थायी सदस्य बनाने की मांग जोर पकड़ती जा रही है। रूस पहले से ही भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन कर चुका है। पांच स्थायी सदस्य अमेरिका, रूस, फ्रांच और ब्रिटेन भारत को स्थायी सदस्य बनाना चाहते हैं लेकिन पांचवां सदस्य चीन भारत की इस दावेदारी का समर्थन नहीं करता है।
न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के 79वें सत्र को संबोधित करते हुए स्टार्मरन ने कहा, 'हम परिषद में अफ्रीका की स्थायी नुमाइंदगी, ब्राजील, भारत, जापान और जर्मनी को स्थायी सदस्य और नामित सदस्यों के लिए और सीटें देखना चाहते हैं।' इससे पहले फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता के लिए भारत की दावेदारी का समर्थन किया। मैक्रों ने बुधवार को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा में कहा, ‘हमारे पास एक सुरक्षा परिषद है जिसे हमें और अधिक प्रभावी बनाने की जरूरत है। हमें इसे और अधिक प्रतिनिधित्वपूर्ण बनाना होगा।’

सुरक्षा परिषद के विस्तार के पक्ष में फ्रांस

उन्होंने कहा, ‘इसलिए, फ्रांस सुरक्षा परिषद के विस्तार के पक्ष में है। जर्मनी, जापान, भारत और ब्राजील को स्थायी सदस्य होना चाहिए, साथ ही दो ऐसे देश भी होने चाहिए जिन्हें अफ्रीका इसका प्रतिनिधित्व करने के लिए तय करेगा।’भारत सुरक्षा परिषद में लंबे समय से लंबित सुधारों को तत्काल लागू करने के लिए संयुक्त राष्ट्र में किए जा रहे प्रयासों में सबसे आगे रहा है और इस बात पर जोर देता रहा है कि वह संयुक्त राष्ट्र के उच्च मंच पर स्थायी सदस्य के रूप में स्थान पाने का हकदार है। भारत की दलील है कि 1945 में स्थापित 15 देशों की परिषद 21वीं सदी के उद्देश्यों के लिए उपयुक्त नहीं है और समकालीन भू-राजनीतिक वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित नहीं करती है।

सुरक्षा परिषद के 5 स्थायी सदस्य

वर्तमान में, सुरक्षा परिषद में पांच स्थायी सदस्य और 10 अस्थायी सदस्य देश शामिल हैं, जिन्हें संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा दो साल के कार्यकाल के लिए चुना जाता है। पांच स्थायी सदस्य रूस, ब्रिटेन, चीन, फ्रांस और अमेरिका हैं और ये देश किसी भी महत्वपूर्ण प्रस्ताव पर वीटो लगा सकते हैं। भारत पिछली बार 2021-22 में संयुक्त राष्ट्र की उच्च परिषद में अस्थायी सदस्य के रूप में बैठा था। समकालीन वैश्विक वास्तविकता को प्रतिबिंबित करने के लिए स्थायी सदस्यों की संख्या बढ़ाने की मांग बढ़ रही है। मैक्रों ने अपने संबोधन में सुरक्षा परिषद के कामकाज के तरीकों में बदलाव, सामूहिक अपराधों के मामलों में वीटो के अधिकार को सीमित करने और शांति बनाए रखने के लिए आवश्यक परिचालन निर्णयों पर अधिक ध्यान देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, ‘जमीन पर बेहतर तरीके से काम करने के लिए दक्षता हासिल करने का समय आ गया है।’

‘भविष्य के शिखर सम्मेलन’को पीएम मोदी ने किया संबोधित

मैक्रों की यह टिप्पणी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा रविवार को ‘भविष्य के शिखर सम्मेलन’ को संबोधित करने के कुछ दिन बाद आई है, जिसमें उन्होंने इस बात पर जोर दिया था कि वैश्विक शांति और विकास के लिए संस्थानों में सुधार आवश्यक हैं। उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि सुधार प्रासंगिकता की कुंजी है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए 15 देशों की सुरक्षा परिषद को भी चेतावनी दी। उन्होंने सुरक्षा परिषद को 'पुरानी' व्यवस्था बताया और कहा कि इसके अधिकार कम होते जा रहे हैं। उन्होंने चेताया कि अगर इसकी संरचना और कार्य पद्धति में सुधार नहीं किया जाता है तो यह अपनी सारी विश्वसनीयता खो देगी। संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने स्पष्ट आह्वान किया, ‘हम अपने दादा-दादी के लिए बनाई गई प्रणाली के साथ अपने पोते-पोतियों के लिए भविष्य का निर्माण नहीं कर सकते।’

स्थायी सदस्यता पर बाइडन ने क्या कहा

पिछले हफ्ते, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट के लिए भारत की दावेदारी का समर्थन किया था। क्वाड लीडर्स समिट के दौरान, क्वाड (अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया) के नेताओं ने एक संयुक्त बयान में संयुक्त राष्ट्र निकाय में व्यापक सुधारों की आवश्यकता पर जोर दिया। यह 21 सितंबर को विलमिंगटन, डेलावेयर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति बाइडेन के बीच द्विपक्षीय बातचीत के बाद हुआ। जिसके बाद व्हाइट हाउस की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि बाइडेन ने सुरक्षा परिषद में भारत को शामिल करने के लिए अमेरिका के समर्थन की पुष्टि की।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। दुनिया (World News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।

लेटेस्ट न्यूज

आलोक कुमार राव author

करीब 20 सालों से पत्रकारिता के पेशे में काम करते हुए प्रिंट, एजेंसी, टेलीविजन, डिजिटल के अनुभव ने समाचारों की एक अंतर्दृष्टि और समझ विकसित की है। इ...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited