इजराइल-ईरान की लड़ाई में हुई अमेरिका की एंट्री; बाइडेन बोले- संयुक्त राज्य अमेरिका करेगा इजराइल का पूर्ण समर्थन

Israel Iran War: अब इजराइल और ईरान की लड़ाई में अमेरिका की भी एंट्री हो गई। इस दौरान बाइडेन ने कहा कि अमेरिका इजरायल का पूरी तरह से समर्थन करता है और मैंने सुबह और दोपहर का कुछ हिस्सा अपनी पूरी राष्ट्रीय सुरक्षा टीम के साथ सिचुएशन रूम में बैठक में बिताया है और इजरायलियों से सीधे तौर पर परामर्श किया है।

ईरान-इजरायल वॉर में हुई अमेरिका की एंट्री

Iran-Israel Conflict: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि आज, मेरे निर्देश पर संयुक्त राज्य अमेरिका की सेना ने सक्रिय रूप से इजराइल की रक्षा का समर्थन किया, और हम अभी भी प्रभाव का आकलन कर रहे हैं... ऐसा प्रतीत होता है कि हमला पराजित और अप्रभावी हो गया है। यह इजरायली सैन्य क्षमता और अमेरिकी सेना का प्रमाण है। यह इस हमले की आशंका और बचाव के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका और इजराइल के बीच गहन योजना का भी प्रमाण है। संयुक्त राज्य अमेरिका इजराइल का पूर्ण समर्थन करता है। मैंने अपनी पूरी राष्ट्रीय सुरक्षा टीम के साथ सिचुएशन रूम में सुबह और दोपहर का कुछ हिस्सा बिताया है और इजरायलियों के साथ परामर्श किया है। राष्ट्रीय सुरक्षा टीम इजरायली अधिकारियों और उनके समकक्षों के साथ लगातार संपर्क में रही है।

अमेरिका मिडिल ईस्ट में होने वाली घटनाओं पर रख रहा नजर- बाइडेन

इस बीच, ईरान द्वारा इजरायल पर बैलिस्टिक मिसाइल हमले के बाद जो बाइडेन ने कहा कि अमेरिका मिडिल ईस्ट में होने वाली घटनाओं पर नजर रख रहा है और इजरायल की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। बाइडेन ने कहा कि उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और मैंने अपनी नेशनल सिक्योरिटी टीम के साथ बात की है कि क्या अमेरिका इजरायल को इन हमलों से बचाने और वहां अमेरिकी कर्मियों की सुरक्षा करने में मदद करने के लिए तैयार है। बाइडेन ने अपनी बात दोहराते हुए कहा कि हम पूरी तरह से इजरायल के साथ हैं।
ईरानी हमले के दौरान बाइडेन ने अमेरिकी सेना को ईरानी मिसाइलों को मार गिराने का आदेश दिया था। अमेरिका ने इस क्षेत्र में अपनी सैन्य उपस्थिति बढ़ा दी है। वहीं, वाशिंगटन में विदेश विभाग में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ बैठक से पहले अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि ईरान ने 5 महीने के अंतराल में दूसरी बार इजरायल पर सीधा हमला किया, जिसमें लगभग 200 बैलिस्टिक मिसाइलें शामिल थीं, यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है और पूरी दुनिया को इसकी निंदा करनी चाहिए।
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