Anurag Maloo:डॉक्टरों की कोशिशों के बाद अनुराग मालू की सांसें लौटीं, हालत अब भी गंभीर
अनुराग के भाई आशीष मालू ने रविवार को बताया कि पर्वतारोही का काठमांडू के पास एक अस्पताल में इलाज किया जा रहा है और उनकी सेहत में सुधार के संकेत मिले हैं।
अनुराग मालू की सांसें लौटीं
Anurag Maloo: नेपाल के अन्नपूर्णा पर्वत पर एक गहरी खाई में गिरने के बाद चमत्कारिक रूप से बचाए गए भारतीय पर्वतारोही अनुराग मालू की काठमांडू स्थित एक अस्पताल के डॉक्टरों की तीन घंटे की मशक्कत के बाद धड़कन महसूस की गई और उनकी सांस लौट आई, लेकिन उनकी हालत अब भी गंभीर है। अनुराग ने भाई ने यह जानकारी दी।
6,000 मीटर की ऊंचाई से गिरे थे
राजस्थान के किशनगढ़ के रहने वाले 34 वर्षीय अनुराग तीसरे शिविर से उतरते समय करीब 6,000 मीटर की ऊंचाई से गिरने के बाद पिछले सोमवार को लापता हो गए थे। अन्नपूर्णा पर्वत दुनिया का 10वां सबसे ऊंचा पर्वत है और दुर्गम चढ़ाई के लिए जाना जाता है। अनुराग के भाई आशीष मालू ने रविवार को बताया कि पर्वतारोही का काठमांडू के पास एक अस्पताल में इलाज किया जा रहा है और उनकी सेहत में सुधार के संकेत मिले हैं।
नेपाल में मौजूद आशीष ने कहा कि अनुराग जब बेहोश हालत में अस्पताल लाए गए थे, तब उनकी धड़कन के कोई संकेत नहीं थे और वह सांस लेते भी नहीं दिख रहे थे। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों की तीन घंटे की कोशिश के बाद उनकी धड़कन और सांस लौट आई। उन्होंने बताया कि डॉक्टरों ने उनके दिल की धड़कन वापस लाने के लिए तीन घंटे तक ‘कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन’ (सीपीआर) किया।
हालत अब भी नाजुक
अनुराग ललितपुर जिले के भैसेपाटी स्थित मेडिसिटी अस्पताल के आईसीयू में भर्ती हैं। आशीष ने कहा कि डॉक्टरों का कहना है कि उनके स्वास्थ्य में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है, लेकिन उनकी हालत अब भी नाजुक है। हमें उनके पूरी तरह स्वस्थ होने की उम्मीद करनी चाहिए और सभी लोग उनके अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। उन्होंने शेरपाओं, काठमांडू में भारतीय दूतावास, भारत और नेपाल की सरकारों और नेपाल सेना समेत उन सभी के प्रति आभार व्यक्त किया जिन्होंने उनके भाई को बचाने में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से मदद की।
पर्वतारोहण अभियान के दौरान अनुराग के साथ गए एक वरिष्ठ पर्वतारोही चीपाल शेरपा ने रविवार को बताया कि भारतीय पर्वतारोही ने गलत रस्सी पकड़ ली थी, जिसके कारण वह गहरी खाई में गिर गए। शेरपा ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पहाड़ पर चढ़ने या उतरने वाली रस्सी को पकड़ने के बजाय अनुराग ने सामान ले जाने के लिए इस्तेमाल होने वाली रस्सी पकड़ ली थी, जो बहुत ही छोटी और बिना जोड़ वाली होती है।
शेरपा ने कहा कि ‘सेवन समिट ट्रेक’ द्वारा आयोजित इस पर्वतारोहण अभियान में शामिल दल में अनुराग ही एकमात्र व्यक्ति थे, जो उस दिन पर्वत शिखर पर नहीं पहुंच सके थे।
(Bhasha Input)
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अमित कुमार मंडल author
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