इस दिन आसमान से होगी सितारों की बारिश, 100 साल में एक बार दिखता है ये अद्भुत नजारा

Meteor Shower: अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने बताया कि उल्काओं (सितारों) की बारिश शुरू हो चुकी है। 4 से 6 मई के बीच यह अपने चरम पर होगी। नासा के अनुसार, यह उल्कापात हैली धूमकेतु से जुड़ा है। आसमान में चार से छह मई के बीच हर मिनट एक उल्कापात नजर आएगा।

आसमान से होगी सितारों की बारिश

Meteor Shower: आसमान में एक के बाद एक टूटते तारों की बारिश होने वाली है। वैसे तो हर साल उल्काओं (सितारों) की बारिश देखने को मिलती है लेकिन इस बार के उल्कापात जैसा अनूठा नजारा दो दशक बाद देखने को मिलेगा। अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने बताया कि उल्काओं की बारिश शुरू हो चुकी है। 4 से 6 मई के बीच यह अपने चरम पर होगी। नासा के अनुसार, यह उल्कापात हैली धूमकेतु से जुड़ा है।

चार से छह मई के बीच देखने को मिलेगा ये अद्भुत नजारा

आसमान में चार से छह मई के बीच हर मिनट एक उल्कापात नजर आएगा। उल्काओं की रफ्तार करीब 757344 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। आतिशबाजी इतनी चमकीली होगी कि इसे सीधे आंखों से देखा जा सकेगा। इस उल्कापात में जो उल्काएं (टूटते तारे) दिखाई देती हैं, वे हैली धूमकेतु से सैकड़ों साल पहले अलग हो गई थीं। इस धूमकेतु की कक्षा पृथ्वी के इतने करीब से नहीं गुजरती कि पृथ्वी पर उल्कापात हो सके। बता दें, हेली धूमकेतु को सबसे प्रसिद्ध धूमकेतु माना जाता है। नासा के अनुसार, इसे आखिरी बार 1986 में पृथ्वी से देखा गया था और 2061 में यह आंतरिक सौर मंडल में वापस आएगा।

जानकारी के अनुसार, हैली धूमकेतू हर 76 साल पर हमारे सोलर सिस्टम से होकर गुजरता है। इस दौरान यह अपना धूल भरा मलबा छोड़ जाता है। जब पृथ्वी अपनी परिक्रमा पथ पर चलते हुए उस मलबे में घुसती है तो वायुमंडल के संपर्क में आने के चलते ये पिंड जलने लगते हैं। इस दौरान हमें अंतरिक्ष में प्रकाश की लकीरें देख सकते हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार, खगोलविद उत्तरी और दक्षिणी दोनों गोलार्द्धों में सुबह से पहले उल्काओं को देख सकते हैं। हालांकि दक्षिणी गोलार्द्ध पर इसका नजारा ज्यादा अच्छा दिखेगा।

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