यमन में भगदड़ में गई 85 लोगों की जान, गरीबों के बीच पैसे बांटने के दौरान हुआ हादसा

विद्रोहियों ने उस स्कूल को तुरंत सील कर दिया जहां कार्यक्रम आयोजित किया गया था और पत्रकारों सहित लोगों को आने से रोक दिया।

Yemen Stampede

यमन में भगदड़

Stampede in Yemen: यमन की राजधानी में बुधवार देर रात वित्तीय सहायता बांटने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में भगदड़ मच गई जिसमें कम से कम 85 लोग मारे गए और दर्जनों घायल हो गए। आंतरिक मंत्रालय के अनुसार, सना के ओल्ड सिटी में हादसा तब हुआ जब व्यापारियों द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में सैकड़ों गरीब लोग जमा हुए थे। मंत्रालय के प्रवक्ता ब्रिगेडियर अब्देल-खलीक अल-अघरी ने स्थानीय अधिकारियों के साथ समन्वय के बिना आयोजित कार्यक्रम को हादसे के लिए दोषी ठहराया। यह त्रासदी ईद-उल-फितर के मुस्लिम अवकाश से पहले हुई जो इस सप्ताह के अंत में रमजान के अंत का प्रतीक है।

दर्जनों घायलों को नजदीकी अस्पतालों में ले जाया गया। हौथी विद्रोहियों के अल-मसीरा सैटेलाइट टीवी चैनल के अनुसार, सना में एक वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी मोताहेर अल-मरौनी ने मरने वालों की संख्या दी और कहा कि कम से कम 13 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। विद्रोहियों ने उस स्कूल को तुरंत सील कर दिया जहां कार्यक्रम आयोजित किया गया था और पत्रकारों सहित लोगों को आने से रोक दिया।

चश्मदीद अब्देल-रहमान अहमद और याहिया मोहसिन ने कहा कि भीड़ को नियंत्रित करने के प्रयास में हथियारबंद लोगों ने हवा में गोली चलाई, गोली एक बिजली के तार से टकराई जिससे विस्फोट हो गया। उन्होंने कहा कि इससे दहशत फैल गई और लोगों में भगदड़ मच गई। आंतरिक मंत्रालय ने कहा कि उसने दो आयोजकों को हिरासत में लिया है और एक जांच चल रही है। यमन की राजधानी ईरान समर्थित हौथियों के नियंत्रण में रही है। 2014 में इन्होंने राजधानी पर कब्जा कर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सरकार को हटा दिया था।

इसके बाद यहां आंतरिक युद्ध का दौर शुरू हो गया। 2015 में सऊदी के नेतृत्व वाले गठबंधन ने हस्तक्षेप करना शुरू कर दिया। एक तरह से यह सऊदी अरब और ईरान के बीच एक छद्म युद्ध में बदल गया है, जिसमें सेनानियों और नागरिकों सहित 150,000 से अधिक लोग मारे गए हैं और यह दुनिया की सबसे खराब मानवीय आपदाओं में से एक है। मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय के अनुसार, यमन में 2 करोड़ से अधिक लोगों या देश की दो-तिहाई आबादी को मदद और सुरक्षा की जरूरत है।

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अमित कुमार मंडल author

करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें

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